पटना: बिहार के गोपालगंज जिले में ऊँटों की तस्करी के बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। मंगलवार को बिहार पुलिस ने एक ट्रक में भर कर ले जा रहे 19 ऊँटों को जिन्दा बरामद कर लिया है। इन ऊँटों की कीमत तक़रीबन 30 लाख रुपए बताई जा रही है। ऊँटों के साथ 4 तस्कर भी पकड़े गए हैं। तस्करों में 2 के नाम जुनैद खान हैं, शेष 2 शाहनवाज और साहिल हैं। इनमें से जुनैद खान और साहिल हरियाणा के मेवात से रहने वाले हैं, जहाँ 80 फीसद मुस्लिम आबादी है और ये क्षेत्र तमाम तरह के अपराधों के लिए बदनाम है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना गोपालगंज के नगर थानाक्षेत्र की है। मंगलवार को यहाँ के अरार मोड़ पर DSP स्वर्ण प्रभात अपनी पुलिस टीम के साथ वाहनों की तलाशी ले रहे थे। इसी बीच एक ट्रक को रोक कर चेकिंग की गई, जिसमे से 19 ऊँट बरामद हुए। रिपोर्ट के अनुसार, ये ऊँट दुर्लभ प्रजाति के बताए जा रहे हैं। इन्हें राजस्थान सरकार संकटग्रस्त प्रजाति भी घोषित कर चुकी है, जिसके बाद इनके संरक्षण के लिए तमाम कोशिशें की जा रहीं हैं। पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया है। ट्रक के साथ मथुरा के रहने वाले जुनैद और शाहनवाज के साथ नूहं मेवात के निवासी जुनैद खान और साहिल को अरेस्ट किया है।
पुलिस की पूछताछ में चारों आरोपियों ने ऊँटों की तस्करी की बात स्वीकार कर ली है। आरोपियों ने कबूला है कि, वो ऊँटों को राजस्थान से बिहार के मुजफ्फरपुर ले जा रहे थे। मुजफ्फरपुर से इन्हें किसी दूसरे शहर में भेजाने का प्लान था। ट्रक में ऊँटों को बड़ी बेरहमी से एक के ऊपर एक ठूँस कर भरा गया था। ऊंटों को छुड़ाने के बाद पुलिसकर्मियों ने उनके लिए चारे और पानी का भी बंदोबस्त करवाया। अब पुलिस इस बात की भी छानबीन कर रही है कि ऊँटों के ये तस्कर इतने बैरियर पार करके बेरोकटोक गोपालगंज तक किस तरह पहुँच गए?
गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक (SP) का कहना है कि इन ऊँटों की कीमत करीब 30 से 40 लाख रुपए है। इन सभी को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है। पकड़े गए तस्करों से पूछताछ करके उनके नेटवर्क से जुड़े अन्य लोग भी खँगाले जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 16-17 जून को बकरीद (ईद उल अजहा) का त्यौहार आ रहा है। इस त्यौहार में मुस्लिम समुदय बड़े पैमाने पर जानवरों की कुर्बानी देता है। हालाँकि, त्यौहार तो बकरीद है, लेकिन कई मौकों पर ऊँट, गाय, भैंस आदि पशुओं की कुर्बानी भी देखने को मिलती है। ऊँट का मूल्य उनके वजन के हिसाब से तय हो। है।
9 वर्ष पूर्व वाराणसी के मदनपुरा इलाके में ऊँट की कुर्बानी की खबर से काफी बवाल मचा था। मुस्लिम समुदाय इसे ब्रिटिश काल की परम्परा बताता रहता है। बाद में प्रशासन ने ऊँट की कुर्बानी पर पाबन्दी लगाई, तो मुस्लिमों ने इस आदेश का पुरजोर विरोध किया था और दंगों जैसे हालात बन गए। जिसके बाद वहां पुलिस फ़ोर्स लगानी पड़ी थी।
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