नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अंजलि सिंह की सड़क दुर्घटना में हुई दर्दनाक मौत के मामले में जहां पुलिस ने पांचों अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। तो वहीं अब अंजलि के साथ घटना के वक़्त मौजूद उसकी सहेली ने भी कई ऐसी बातें बताईं जो कि बेहद चौंकाने वाली हैं। अंजलि की दोस्त निधि ने बताया- वह अंजलि को पहले से नहीं जानती थी। उसकी 10 से 15 दिन पहले ही मित्रता हुई थी वो भी किसी और सहेली के माध्यम से। दोनों के बीच अच्छी बोंडिंग हो गई इसलिए जब अंजलि ने नववर्ष पर पार्टी की बात कही तो वह मना नहीं कर पाई। रात 8 बजे वे लोग होटल पहुंचे। यहां अंजलि के ही दोस्त थे, जिनमें उसका बॉयफ्रेंड भी समिल्लित था। निधि ने बताया कि वह पार्टी में अंजलि के अतिरिक्त किसी को नहीं जानती थी।
वही इस बीच वह कुछ सामान लेने के लिए बाहर आई। जब होटल के कमरे में लौटी तो अंजलि एवं उसके बॉयफ्रेंड के बीच किसी बात को लेकर लड़ाई हो रही थी। निधि ने बताया कि यह सब देखकर उसने अंजलि को वहां से चलने को बोला। अंजलि ने भी कहा कि उसे भी घर जाना है। फिर वे लोग होटल से 2 बजे बाहर निकले। निधि ने बताया, ''पार्टी के पश्चात् जब हम लोग जब बाहर निकले मुझे लगा कि शायद अंजलि स्कूटी चलाने की हालत में नहीं है। इसलिए मैंने उसे बोला कि मैं स्कूटी चलाती हूं। तुम पीछे बैठो। फिर भी अंजलि नहीं मानी और मुझसे लड़ने लगी। उसने मुझसे बोला कि मैं तुम्हें सही सलामत घर छोड़ दूंगी। फिर जैसे ही हम स्कूटी में सफर कर रहे थे अंजलि किसी बात को लेकर बहुत गुस्से में थी। इसी बीच एक ट्रक हमारे सामने आ गया। उस वक़्त हम बाल-बाल बच गए। मैंने तुरंत उसे स्कूटी रोकने को कहा तथा चाबी निकाल ली। तब भी वो नहीं मानी एवं कहा कि अब मैं ढंग से स्कूटी चलाऊंगी।''
अंजलि की दोस्त ने कहा, ''जैसे ही फिर हम आगे पहुंचे तो एक कट के पास कार आई तथा उसने हमें हमें टक्कर मार दी। मैं स्कूटी की बगल में ही गिर गई। जबकि, अंजलि गाड़ी के नीचे फंस गई। अंजलि तब बहुत चीखी और रोने भी लगी। मगर पांव गाड़ी में फंसा होने की वजह से वह उठ नहीं पाई। न ही उन गाड़ी वालों ने कार रोकी। वे सीधा उसे घसीटते हुए आगे ले गए। मैं उस वक़्त बहुत घबरा गई थी। इसलिए मैं वहां से पैदल ही सीधे घर चली गई। क्योंकि मेरा घर वहां से बहुत नजदीक था। वहां मैंने अपनी मां और नानी को पूरी घटना बताई।'' निधि ने बताया कि लड़कों ने जानबूझ कर लड़की को कार से घसीटा। उन्हें पता था कि लड़की गाड़ी में फंसी है। फिर भी उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी। मैं इस एक्सीडेंट से इतना घबरा गई थी कि मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि क्या करना है और क्या नहीं। फिर जब दो दिन बाद पुलिस मुझ तक पहुंची तो मैंने उन्हें पूरी घटना बता दी। अंजलि की दोस्त ने बताया कि इस घटना में उसे भी चोट आई है। आंख और पैर पर उसे चोट आई है। जबकि, उसका हाथ भी इस दुर्घटना में फ्रैक्चर हुआ है। निधि ने कहा कि अंजलि भी बच जाती अगर गाड़ी वाले कार को रोक देते। मगर उन्होंने जान बूझकर कार नहीं रोकी। निधि ने कहा कि वे लोग उन लड़कों को नहीं जानतीं थी। न ही उसने उन्हें देखा। क्योंकि उस वक़्त कार में काला शीशा लगा हुआ था। वही पुलिस द्वारा निरंतर मामले की जाँच की जा रही है।
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