पुणे : समाजसेवी अन्ना हजारे मोदी सरकार के खिलाफ सत्याग्रह करेंगे. 23 मार्च से दिल्ली के रामलीला मैदान में यह सत्याग्रह शुरू होगा. उन्हें अपना सत्याग्रह नहीं करने के लिए मनाने की सभी कोशिशें विफल हो गई हैं.अन्ना हजारे को मनाने की कोशिशों के तहत महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन अहमदनगर जाकर उनसे मिले थे लेकिन अन्ना नहीं माने.
उल्लेखनीय है कि इस बार अन्ना हजारे ने किसानों के हक के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है. किसानों की सुनिश्चित आय, पेंशन, खेती के विकास के लिए ठोस नीतियों समेत कई मांगों को लेकर अन्ना हजारे अपना यह विरोध प्रदर्शन करेंगे. महाराष्ट्र के शिक्षण एवं जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन ने बताया कि अन्ना की लोकपाल और किसानों को लेकर कई मांगें हैं जो तुरंत पूरी नहीं हो सकती. जबकि सरकार प्रयास कर रही है. इसमें समय लगेगा. महाजन ने स्वास्थ्य और उम्र को देखते हुए अन्ना हजारे से सत्याग्रह वापस लेने की अपील की थी , जिसे ठुकराते हुए अन्ना हजारे ने बताया कि यह आंदोलन दिल्ली के रामलीला मैदान पर 23 मार्च से शुरू होगा.
गौरतलब है कि इसके पूर्व पटना में अन्ना ने कहा था कि इस सरकार ने इस सूचना के अधिकार कानून को कमजोर कर दिया है. सरकार के दिमाग में सत्ता ,पैसा का खेल चल रहा है.इसलिए उन्होंने तय किया है कि 23 मार्च को किसानों की प्रमुख मांगों को लेकर दिल्ली में करो या मरो का आंदोलन करेंगे. स्मरण रहे कि यूपीए सरकार के समय दिल्ली में अन्ना 16 दिनों तक सिर्फ पानी पर अनशन पर बैठे थे और अंत में सरकार को झुकना पड़ा था.इस बार मोदी सरकार की अग्नि परीक्षा है.
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