नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में सिंधु बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन चल रहा है। इस समय किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके सामने सरकार ने बातचीत करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन किसान संगठनों ने उसे ठुकरा दिया है। जी दरअसल किसान संगठनों ने गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को खारिज किया है। ऐसे में अब किसानों का समर्थन किया है अन्ना हजारे ने। हाल ही में उन्होंने कहा कि, 'वह किसानों की मांगों का समर्थन करते हैं। किसान और सरकार की स्थिति भारत पाकिस्तान की तरह हो गई है। जिस तरह चुनाव के समय आप (नेता) किसानों के घर-खेतों में वोट मांगने के लिए जाते हो उसी तरह अब उनकी समस्या पर बात करो।'
इसी के साथ अन्ना हजारे ने यह भी कहा है कि, 'किसान आज अहिंसा के मार्ग पर चल कर आंदोलन कर रहे हैं। कल किसान जब हिंसा करने पर उतर जाएंगे तब उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। किसान पाकिस्तानी नहीं हैं। सरकार उनसे चर्चा करे।' अपने बयान में आगे अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि, 'देश का दुर्भाग्य है कि किसान इतने दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। जो किसान आंदोलन कर रहें है, वो पाकिस्तान के नहीं है। हमारे देश के हैं। चुनाव के समय आप (नेता) वोट मांगने उनके खेत और घर तक गए। अब किसानों के मसले को सुलझाइए। किसानों पर पानी के फव्वारे से वार किया गया ये ठीक नहीं है। आज जो किसानों के साथ हो रहा है, वो हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बीच संघर्ष जैसा बन गया है। किसान देश का दुश्मन नहीं है, इसलिए इस आंदोलन को सुलझाना जरूरी है। सरकार को किसानों के साथ बैठक कर मसले को सुलझाना चाहिए।'
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