नईदिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे गांधी जयंती के अवसर पर केंद्र सरकार के खिलाफ सत्याग्रह आंदोलन करेंगे। अन्ना राजघाट पहुॅंचेंगे और अपने समर्थकों और सहयोगी कार्यकर्ताओं के साथ एक दिन का सत्याग्रह करेंगे। वे पुणे से दिल्ली पहुॅंचेंगे। समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि मौजूदा समय में देश महात्मा गांधी के सपने और उनके रास्ते से भटक गया है। उन्होंने कहा कि, वे गांधी जयंती के अवसर पर एक दिन का सत्याग्रह करेंगे। बीते दिनों समाजसेवी अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था।
उन्होंने भ्रष्टाचार और किसानों की परेशानियों पर अप्रसन्नता जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि, वे अपने आंदोलन के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि करीब 6 वर्ष में भी भ्रष्टाचार को रोकने वाले किसी भी कानून पर अमल नहीं किया जा सका। सरकार उदासीन है। किसानों की परेशानियों को लेकर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट पर अमल नहीं हो सका।
समाजसेवी अन्ना हजारे ने लिखा कि, उन्हें किसी तरह का उत्तर नहीं मिला। गौरतलब है कि अन्ना हजारे ने अपना एक आंदोलन वर्ष 2011 में किया था। उन्होंने लोकपाल की मांग की थी और भ्रष्टाचार का विरोध किया था। उन्होंने मांग की थी कि, केंद्र में और विभिन्न राज्यों में लोकपाल कार्य करे। इस मामले में जब कानून बनाने का निर्णय लिया गया तो उन्होंने आंदोलन स्थगित कर दिया था।
मगर अब यह बात सामने आ रही है कि, करीब 3 वर्ष बाद कानून लागू नहीं हो सका। जब भाजपा विपक्ष में थी, तब उसने लोकपाल और लोकायुक्त को लेकर काननू बनाने की मांग का समर्थन किया था मगर लोकसभा चुनाव में जीत के बाद उसने लोकपाल कानून को लेकर कार्य नहीं किया।
नई सरकार को समय देना अपेक्षित था। करीब 3 वर्ष में सरकार को इस मामले में पत्र लिखे गए लेकिन सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया। अन्ना हजारे ने किसान आत्महत्या का उल्लेख किया, उन्होंने कहा कि इस मामले में कई बार पत्र लिखे गए। मगर काई जवाब नहीं मिला।
गुणों की साक्षात प्रतिमूर्ति- महात्मा गाँधी