भारत की अन्नू रानी ने राष्ट्रमंडल खेलों की महिला भाला फेंक स्पर्धा का कांस्य पदक अपने नाम कर लिया है। उन्होंने 60 मीटर भाला फेंक पर पदक अपने नाम किया। ऑस्ट्रेलिया की केल्सी-ली बार्बर ने 64.43 मीटर की दूरी के साथ गोल्ड मेडल जबकि ऑस्ट्रेलिया की एक अन्य खिलाड़ी मैकेंजी ने 64.27 मीटर भाला फेंक कर सिल्वर मेडल अपने नाम कर चुकी है।
इसके पहले की ख़बरों के बारें में बात की जाए तो भारत की महिला भालाफेंक एथलीट अनु रानी आठ बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड ध्वस्त कर चुकी है। उन्होंने पिछला रिकॉर्ड मार्च में फेडरेशन कप में तोड़ा था। मेरठ के बहादुरपुर गांव की एथलीट 60 मीटर से ऊपर की थ्रो फेंकने वालीं देश की प्रथम महिला खिलाड़ी हैं। तीन वर्ष पूर्व अनु रानी ने दोहा में विश्व एथलेटिक्स के फाइनल्स में पहुंचकर इतिहास रच दिया था। अनु की कामयाबी के पीछे संघर्षों की एक लम्बी दास्ताँ है।
किसान परिवार में जन्मीं अनु ने कभी यह नहीं सोचा था कि बचपन में खेतों में गन्ना फेंकना भालाफेंक का पहला सबक होगा। शुरुआत में जब खेलों में कदम आगे बढ़ाया तो लोगों के ताने भी झेलने पड़े। शुुरुआत में तो ट्रेनिंग भी छिप-छिपकर लेती थीं। सात वर्ष पूर्व लखनऊ में अंतर राज्य चैंपियनशिप में जब पहली बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड ध्वस्त किया, तो उसके बाद फिर मुड़कर नहीं देखा। अनु बताती हैं कि कोरोना के दौर में काफी दिक्कतें आईं। विदेशों में प्रतियोगिताएं कम मिलीं। देश में तो प्रैक्टिस के लिए उन्हें सही जोड़ीदार की कमी महसूस होती है। ओलंपिक में कड़ी चुनौती के बीच उन्हें अपने बेहतर प्रदर्शन की आशा है। एशियाई खेलों में ब्रोंज मेडल जीतने वालीं एथलीट ने पिछले माह अंतर राज्य एथलेटिक्स 62.83 मीटर की थ्रो फेंकी, किन्तु 64 मीटर के ओलंपिक क्वालिफाइंग मार्क को हासिल नहीं कर सकीं। उन्हें रोड टू टोक्यो में 18वीं रैंकिंग के चलते ओलंपिक में हिस्सा लेने का चांस मिला।
निक किर्गियोस ने संघर्षपूर्ण जीत से सिटी ओपन के सेमीफाइनल में बनाया स्थान
राष्ट्रमंडल खेल में 200 मीटर स्पर्धा के सेमीफाइनल में पहुंची हिमा