अल्बर्ट आइंस्टीन या स्टीफन हॉकिंग जैसे महान वैज्ञानिकों के बारे में तो पूरी दुनिया जानती है, परन्तु इनसे इतर कुछ ऐसे भी वैज्ञानिक रहे हैं, जिन्हें शायद ही सभी लोग जानते हों। इसके साथ ही एक ऐसे ही वैज्ञानिक थे एलन ट्यूरिंग, जिन्हें आज 'गुमनाम वैज्ञानिक' के तौर पर दुनिया जानती है। कई इतिहासकारों का मानना है कि वो एलन ट्यूरिंग ही थे, जिनकी वजह से द्वितीय विश्वयुद्ध दो साल पहले ही खत्म हो गया था। वहीं 23 जून 1912 को लंदन में जन्मे एलन ट्यूरिंग एक कंप्यूटर वैज्ञानिक, गणितज्ञ, तर्कज्ञ, क्रिप्टैनालिस्ट, दार्शनिक और सैद्धांतिक जीवविज्ञानी थे। वहीं ट्यूरिंग को व्यापक रूप से सैद्धांतिक कंप्यूटर विज्ञान और कृत्रिम बुद्धि का जनक माना जाता है।
इसके साथ ही अपने 41 साल के छोटे से जीवनकाल में उन्होंने कई ऐसे काम किए थे, जिनकी वजह से लोग आज भी उन्हें याद करते हैं। द्वितीय विश्वयुद्ध के समय एलन ने ही अटलांटिक महासागर में तैनात जर्मन ऊ-बोट (पनडुब्बी) के गुप्त संदेश को डिकोड किया था। वहीं कहते हैं कि ऐसा करके उन्होंने यूरोप में युद्ध को लगभग दो साल कम कर दिया था और लाखों लोगों की जान बचाई थी।आपकी जानकारी के लिए बता दें की अनुमान लगाया जाता है कि यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया होता तो युद्ध और दो साल ज्यादा चलता और तब शायद दुनिया कुछ और ही होती। इसके साथ ही साल 1952 में एलन को अश्लीलता का दोषी करार दिया गया था। वहीं कहते हैं कि उन्हें दवा देकर नपुंसक बनाए जाने की सजा सुनाई गई थी।
असल में , एलन समलैंगिक थे और उस समय ब्रिटेन में समलैंगिकता अपराध माना जाता था। आपको बता दें उन्होंने जेल जाने के विकल्प के रूप में डीईएस के साथ रासायनिक कृत्रिम उपचार स्वीकार कर लिया था। सात जून 1954 को उनकी मौत हो गई थी। वहीं कहते हैं कि उन्होंने सायनाइड की गोली खाकर आत्महत्या कर ली थी। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने कुछ साल पहले ये स्वीकार किया था कि ब्रिटेन में एलन के साथ 'भयानक दुर्व्यवहार' किया गया था। इसके लिए उन्होंने आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी थी। इसके बाद साल 2013 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने उन्हें मरणोपरांत क्षमादान दे दिया था।
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