नई दिल्ली: पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड और भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों में से एक शाहिद लतीफ की बुधवार (11 अक्टूबर) को पाकिस्तान के सियालकोट में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। फज्र की नमाज के बाद पंजाब के दस्का में नूर मदीना मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर सवार तीन बंदूकधारियों ने लतीफ और उसके दो साथियों को गोली मार दी। इनमें से दो की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक घायल हो गया।
41 वर्षीय शाहिद लतीफ़ प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का आतंकी था और 2 जनवरी 2016 को हुए पठानकोट हमले का मुख्य साजिशकर्ता था। उसने सियालकोट से हमले की साजिश रची थी और इसे अंजाम देने के लिए चार जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादियों को पठानकोट भेजा था। लतीफ को नवंबर 1994 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत आतंकवादी आरोप में भारत में गिरफ्तार किया गया था, और मुकदमा चलाया गया और अंततः जेल में डाल दिया गया। उसने, आतंकी मसूद अज़हर के साथ जम्मू की कोट बलवल जेल में 16 साल बिताए थे।
भारत में सजा काटने के बाद, उसे 2010 में वाघा के रास्ते पाकिस्तान भेज दिया गया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में कहा गया है कि लतीफ 2010 में अपनी रिहाई के बाद पाकिस्तान में जिहादी फैक्ट्री में वापस चला गया। उसे भारत सरकार द्वारा वांछित आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। लतीफ़ पर 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान के अपहरण का भी आरोप था।
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