नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से जन्मी अरविंद केजरीवाल की पार्टी पर भ्रष्टाचार के ही संगीन इल्जाम लगे हैं। दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और केजरीवाल के राइट हैंड माने जाने वाले मनीष सिसोदिया इसी मामले में तिहाड़ जेल भेज दिए गए हैं। वहीं, अब केंद्रीय जाँच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में एक और गिरफ्तारी की है।
ED ने आज हैदराबाद के शराब कारोबारी अरुण पिल्लई को अरेस्ट किया है। दरअसल, जांच एजेंसी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से भी जांच कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, CBI द्वारा दिल्ली आबकारी नीति के क्रियान्वयन में कथित गड़बड़ी के संबंध में दर्ज एक FIR में मनीष सिसोदिया सहित कई लोगों तथा संस्थाओं को नामजद किया गया है। CBI ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित भ्रष्टाचार को लेकर मनीष सिसोदिया को आरोपी नंबर वन बताया है।
बता दें कि, दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना द्वारा दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोपों की CBI जांच की सिफारिश करने के बाद दिल्ली सरकार द्वारा जुलाई 2022 में नीति को वापस ले लिया गया था। इससे पहले केजरीवाल अपनी शराब नीति की जमकर तारीफें कर रहे थे, लेकिन जांच के आदेश होते ही उन्होंने अपनी नीति वापस ले ली थी। केजरीवाल के इस फैसले पर काफी सवाल उठे थे, कहा गया था कि, यदि शराब नीति में कोई घोटाला नहीं था, तो जांच करवाने से पहले उन्होंने नीति वापस क्यों ली ?
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