मुंबई: महाराष्ट्र में कल सीएम के सरकारी बंगले से उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray ) की विदाई के पश्चात् अब शिवसेना (Shiv Sena) के अंदर चुनाव चिन्ह को लेकर खींचतान चल रही है। शिवसेना का चुनाव चिन्ह धनुष-बाण है। इसे लेकर एकनाथ शिंदे एवं उद्धव ठाकरे के बीच सियासी रणनीति बनाने का खेल आरम्भ हो गया है। उद्धव ठाकरे आज शिवसेना के नेताओं से मातोश्री में मिलने की योजना बना रहे हैं। इन नेताओं में कुछ कानूनी विशेषज्ञों के भी होने की बात कही जा रही है।
एकनाथ शिंदे गुट का दावा है कि असली शिवसेना उन्हीं की है क्योंकि नम्बर्स उनके पास अधिक है। शिंदे का दावा है कि उनके पास 37 से अधिक शिवसेना के MLA हैं जबकि उद्धव के पास केवल 18 MLA हैं। दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे ने रायगढ़ के शिवसेना विधायक भरत गोगवाले को मुख्य सचेतक नियुक्त किया है, जबकि शिवसेना ने दिंडोशी के MLA सुनील प्रभु को मुख्य सचेतक बनाया है। वहीं शिवसेना ने अजय चौधरी को शिवसेना विधायक दल का नेता बनाया है। इससे पूर्व एकनाथ शिंदे शिवसेना विधायक दल के नेता थे। यानी आज के हालात में बागी गुट के पास भी मुख्य सचेतक है तथा उद्धव ठाकरे की शिवसेना में पास भी मुख्य सचेतक का पद है। अब ऐसे में एकनाथ शिंदे का गुट चुनाव आयोग एवं कोर्ट में जाकर शिवसेना के चुनाव चिन्ह धनुष- बाण पर अपना दावा ठोक सकते हैं। इससे ये स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में शिवसेना किसकी होगी इसको लेकर जंग मचने वाली है। यह घमासान कानूनी रूप में भी और सड़क पर भी होगा।
आपको बता दें कि शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे की अगुवाई में विधायकों की बगावत के बाद सीएम उद्धव ठाकरे ने कल देर रात आपने आधिकारिक आवास वर्षा को खाली कर दिया तथा ब्रांद्रा मौजूद अपने व्यक्तिगत आवास मातोश्री चले गए। इससे पहले बुधवार शाम उन्होंने फेसबुक लाइव में यह बोला था कि एक भी MLA यदि सामने आकर उनसे कह दे कि मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ दूं तो मैं सहजता से इस्तीफा दे दूंगा। उन्होंने कहा कि वे सत्ता के लोभी नहीं हैं। उधर, गुवाहाटी में डेरा डाले एकनाथ शिंदे के समर्थन में विधायकों का आँकड़ा बढ़ता जा रहा है।
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