पटना: हाल ही में बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून में संशोधन किया है। जिसमें शराब पीते पहली बार पकड़े जाने वालों को जुर्माना देकर छोड़े देगी। सरकार ने जुर्माने की राशि 2 हजार से 5 हजार तक किया है। किन्तु इस बीच सरकार की एक और शर्त है। जुर्माना देकर आपको मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश होना पड़ेगा। जहां एक शपथ पत्र भरवाएगी। जो जिंदगी भर के लिए आपको याद दिलाता रहेगा कि आपने एक शपथ पत्र भरा है। जिसके तहत आपको बिहार सरकार के दंड प्रावधान का पालन करना पड़ेगा तथा शराब पीने से पहले आपको हजार बार सोचना होगा।
ऐसा होगा शपथ पत्र:-
मैं ऐलान करता हूं कि मेरे द्वारा समर्पित खबर सही है। मैं कबूल करता हूं कि मैं शराब पीते या नशे की स्थिति में तारीख।।। को पकड़ा गया हूं। मेरी चिकित्सीय जांच या श्वसन विश्लेषण तहकीकात कराई गई। जिसमें पुष्टि हुआ कि मैंने अल्कोहल या शराब का इस्तेमाल किया था। मैं आगे घोषणा करता हूं कि मैं मजिस्ट्रेट के द्वारा अधिरोपित दंड भोगने का इच्छुक हूं। मैं जांच में पुलिस /उत्पाद प्राधिकारियों के साथ मदद करने के लिए भी सहमत हूं। जब कभी अपेक्षित हो मैं खुद को पुलिस /उत्पाद प्राधिकारियों या मजिस्ट्रेट के कोर्ट के सामने मौजूद होने का वचन देता हूं। मैं आगे घोषणा करता हूं कि मैं अपराध को नहीं दोहराऊंगा तथा बिहार प्रदेश में पूर्ण मद्य निषेध के प्रवर्तन में सक्रियता पूर्वक मदद करूंगा। मैं अपनी आजाद इच्छा एवं बिना भय या दबाव के उपयुक्त बयान दे रहा हूं।
वही बिहार सरकार हमेशा शराबबंदी कानून में संशोधन करती रहती है। किन्तु संशोधन का लक्ष्य यही है कि व्यक्तियों को शराब पीने से रोका जाए। इसी कड़ी में बिहार सरकार ने शपथ पत्र को सामने लाया है। जिससे पीने वाले पर एक नैतिक दबाव हमेशा रहे कि उसने सरकार के सामने एक शपथ पत्र भरा है। जिसके अनुसार वो सरकार को भविष्य में शराब पीने के पश्चात् सहयोग का वादा किया है। शपथ पत्र के अनुसार, शराब दोबारा पीने वाले शख्स को उत्पाद पदाधिकारियों तथा मजिस्ट्रेट को मदद देने का वचन देते हुए शपथ पत्र भरना पड़ता है। तत्पश्चात, गलती दुहराने पर उसे प्रशासन के सामने मौजूद होना पड़ेगा।
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