लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार, जनता को सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए लगातार अपराधियों पर नकेल कस रही है। इसी क्रम में अब राज्य में एक और बड़ा एनकाउंटर हुआ है। जालौन में पुलिस ने एक साथ दो अपराधियों को ढेर कर दिया है। दरअसल, ये दोनों बदमाश, चार दिन पहले गश्त कर रहे सिपाही भेदजीत की हत्या कर फरार हो गए थे, जिन्हे पुलिस ने खोजकर को आज रविवार (14 मई) को ढेर कर दिया।
अपने सिपाही की हत्या को पुलिस ने चुनौती के रूप में लिया था और तीन टीमें अपराधियों की तलाश में लगा दी थी। इसी बीच रविवार को पुलिस को जालौन में ही फैक्ट्री एरिया में बदमाशों के मौजूद होने का पता चला। इसके बाद दो बदमाशों की घेरेबंदी हुई। जब पुलिस ने दोनों को पकड़ने का प्रयास किया, तो अपराधियों ने फायरिंग कर दी। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसमे दोनों बदमाशों को गोली लग गई। दोनों को अस्पताल भेजा गया, जहाँ चिकित्सकों ने दोनों की मृत घोषित कर दिया। पुलिस के मुताबिक, दोनों एक और जघन्य वारदात को अंजाम देने जा रहे थे। दोनों अपराधियों की शिनाख्त कल्लू निवासी रहिया और रमेश निवासी सरसोखी के रूप में की गई है।
बता दें कि, गुरुवार (11 मई) को हाईवे की पुलिस चौकी ड्यूटी के दौरान सिपाही की गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। बदमाशों को जल्द पकड़ना पुलिस विभाग के लिए चुनौती बन गया था। IG व DIG की निगरानी में बदमाशों को घेरे जाने का अभियान बीते 4 दिन से चल रहा था। पुलिस अधीक्षक (SP) के नेतृत्व में तीन टीमों को लगाया गया था। पुलिस, हाईवे के सभी ढाबों व होटलों पर लगे CCTV कैमरों के फुटेज लेकर अपराधियों के पीछे लगी थी। वारदात के बाद ADG आलोक सिंह व IG जोगेंद्र सिंह पूरे दिन मौके पर तैनात रहे और एसपी डॉ. ईरज राजा की अगुवाई में बदमाशों की धरपकड़ में लगी सभी टीमों से पल-पल जानकारी लेते रहे।
अतीक अहमद की मौत पर मचा था मजहबी बवाल:-
बता दें कि, यूपी में समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद के बाद भी एनकाउंटर हुए हैं, जिसमे गैंगस्टर अनिल दुजाना का नाम प्रमुख है। लेकिन कोई हंगामा नहीं मचा, क्योंकि लोगों ने अपराधी के एनकाउंटर को अपराध के खात्मे के रूप में लिया, उसमे हिन्दू-मुस्लिम नहीं खोजा। हालाँकि, राजनेताओं ने अतीक अहमद के मामले में मुस्लिम एंगल तलाश कर अल्पसंख्यकों को भड़काने का काफी प्रयास किया था। जिसका परिणाम ये हुआ था कि, बंगाल में अतीक के सम्मान में कैंडल मार्च निकला था और बिहार में जुम्मे की नमाज़ के बाद शाहिद अतीक अहमद अमर रहें और योगी-मोदी मुर्दाबाद के नारे लगे थे। ध्यान रहे कि, गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर को भी सबने एक अपराधी के खात्मे के रूप में ही देखा था, धर्म के चश्मे से नहीं।
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