पटना: बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम की शुरूआत कल यानी बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की. अब स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत बैंकों के बजाय बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम से लोन लिया जा सकेगा. इस दौरान बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद रहे. नीतीश कुमार ने कहा कि बैंक लोन देने में देरी करते थे. लिहाजा राज्य सरकार को यह व्यवस्था करनी पड़ी, ताकि छात्रों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो. उन्होंने कहा कि इसको शुरू करने में शिक्षा विभाग और वित्त विभाग ने काफी मेहनत की है और आज इस वित्त निगम का उदघाटन हुआ है. इसके माध्यम से मिलने वाले ऋण पर ब्याज की दर सिर्फ 4 प्रतिशत है. दिव्यांगों, छात्राओं और ट्रांसजेंडर को सिर्फ एक प्रतिशत ब्याज पर ऋण मुहैया कराया जाएगा.
सीएम नीतीश के मुताबिक इस वित्त निगम में कार्यपालक पदाधिकारी सह प्रबंध निदेशक की नियुक्ति की गई है. इसके साथ जरूरी स्टाफ की भी नियुक्ति की गई है. इस निगम के साथ जिला केन्द्र के डीआरसीसी को भी जोड़ दिया गया है. कोई भी छात्र डीआरसीसी में जाकर आवेदन करेगा और वहीं से उसका आवेदन वित्त निगम चला जाएगा. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लक्ष्य ग्रॉस इनरोलमेंट रेशियो (GER) को बढ़ाना है.
नीतीश ने कहा कि बिहार में पहले 12वीं कक्षा के बाद शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों की संख्या सिर्फ 13.9 फीसदी हुआ करती थी, लेकिन इस योजना के लागू होने के बाद से यह बढ़कर 14.3 प्रतिशत हो गई है. वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर यह करीब 24 प्रतिशत है. हम लोगों ने इसमें कम से कम 30 प्रतिशत तक की वृद्धि का लक्ष्य रखा है और इसके आगे 35 से 40 प्रतिशत तक ले जाना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्ययन से पता चला है कि गरीबी के कारण 12वीं के बाद बच्चे नहीं पढ़ पाते हैं.
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