तमिलनाडु में एक और विपक्षी नेता पर हमला, बसपा प्रदेश अध्यक्ष की हत्या के बाद अब PMK नेता को सरेआम घोंपे चाक़ू

तमिलनाडु में एक और विपक्षी नेता पर हमला, बसपा प्रदेश अध्यक्ष की हत्या के बाद अब PMK नेता को सरेआम घोंपे चाक़ू
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चेन्नई: तमिलनाडु में बसपा प्रदेश अध्यक्ष आर्मस्ट्रांग की निरमा हत्या के कारण राज्य की DMK सरकार पहले ही निशाने पर है, वहीं अब राज्य में एक और विपक्षी दल के नेता पर हमला किए जाने का मामला सामने आया है। तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले में चार लोगों के एक गिरोह ने PMK नेता पर जानलेवा हमला कर दिया।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि घायल पार्टी कार्यकर्ता की पहचान शंकर के रूप में हुई है और उसका पांडिचेरी के JIPMER अस्पताल में इलाज चल रहा है। हमलावरों को हमले के बाद मौके से भागते हुए CCTV फुटेज में कैद किया गया है। घटना के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। घातक हमले की निंदा करते हुए PMK संस्थापक एस रामदास ने DMK सरकार से राज्य में कानून एवं व्यवस्था बहाल करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया। रामदास ने एक विज्ञप्ति में कहा, "पुलिस विभाग की सुस्ती और अक्षमता इस हमले का कारण है।" पीएमके नेता ने दावा किया कि शंकर तीन साल पहले हुई अपने भाई की हत्या के मामले में गवाह था।

रामदास ने आरोप लगाया कि, "हत्या मामले के आरोपी शंकर को अदालत में गवाही न देने की धमकी दे रहे थे। हालांकि शंकर ने पुलिस को धमकियों के बारे में सूचित किया था, लेकिन न तो कोई सुरक्षा दी गई और न ही आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई।" PMK कार्यकर्ता पर जानलेवा हमला राज्य में कुछ ही दिनों में दूसरी ऐसी घटना है। इससे पहले शुक्रवार को बसपा के राज्य प्रमुख की चेन्नई में उनके घर के पास चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई थी।

दलितों की एक मजबूत आवाज आर्मस्ट्रांग उत्तरी चेन्नई और आस-पास के जिलों में लोकप्रिय थे। वह दलित समुदाय के बड़े नेताओं में से एक थे। बसपा प्रमुख मायावती दिल्ली से मृतक नेता को श्रद्धांजलि देने चेन्नई पहुंचीं थी। मायावती ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपने का आग्रह किया है। आर्मस्ट्रांग की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह से हमलावरों के समूह ने आर्मस्ट्रांग पर हमला किया, उससे पता चलता है कि राज्य में "कानून और व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है"। उन्होंने मांग की, "असली दोषियों को नहीं पकड़ा गया है। जांच सीबीआई को सौंपी जाए। हमें उम्मीद नहीं है कि राज्य सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी। इसलिए मामले को तुरंत सीबीआई को सौंपा जाए।"

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