हरियाणा में धान घोटाले को लेकर पड़ताल का कार्य पूरा भी नहीं हुआ था, कि एक और धान घोटाला सामने आ गया है. पांच जिलों की फिजिकल वेरीफिकेशन में लगभग 19 हजार मीट्रिक टन धान कम पाया गया है. अब गवर्नमेंट इन राइस मिलरों से रकम वसूली की तैयारी कर रही है. जिन राइस मिलों का वेरीफिकेशन हुआ है, उनमें से कुरुक्षेत्र में सबसे ज्यादा स्टाक कम पाया गया है.
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कुरुक्षेत्र की राइस मिलों में करीब 12 हजार मीट्रिक टन स्टाक कम पाया गया है. जबकि बीते घोटाले में पूरे राज्य में स्टाक कम पाया गया था. सूचना के अनुसार, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने 6 शहरों में स्टाक वेरीफिकेशन किया था.जिसमें पलवल, अंबाला, यमुनानगर, करनाल, कुरुक्षेत्र और कैथल जिला शामिल है. महकमें ने केवल उन मिलों का वेरीफिकेशन किया है. जिन मिलों में अनियमितता की शिकायतें प्राप्त हो रही थी.
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टेस्ट के बाद यह तथ्य सामने आया हैं. जिसके पश्चात महकमें भी हैरत में है. विदित हो कि इससे पहले हरियाणा की 1207 राइस मिलों ने 42589 मीट्रिक टन के धान घपले को मजे से किया गया था. खाद्य आपूर्ति महकमे की 300 जांच टीमों ने मिलों के फिजिकल वेरीफिकेशन में इस घोटाले को पकड़ा था. 1304 राइस मिलों का जांच टीमों ने वेरीफिकेशन किया था. जिसमें से 1207 मिलों में 42589 मीट्रिक टन धान कम मिला. इससे सरकार को 90 करोड़ रुपये की चपत लगी थी. महकमे ने वेरीफिकेशन करवाया है. जहां पर घोटाला पाया गया है. उन राइस मिलों से रकम ब्याज के साथ वसूली जाएगी. नियम सबके लिए समान है. इस केस में कोई लापरवाही सहन नहीं किया जाएगा.
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