लखनऊ: प्राचीन चिकित्सा विधाओं में गोमूत्र की खासियत को वैज्ञानिक परीक्षण में भी सही पाया गया है। बरेली में हाल ही में IVRI के एक्सपर्ट्स ने एक स्टडी पूरी करने के बाद यह दावा किया है कि गौमूत्र के अर्क में कई औषधीय गुण हैं। गौमूत्र का अर्क एंटी फंगल एवं एंटी बैक्टीरियल है जो कई प्रकार की बीमारियों से लड़ने में सक्षम है। दरअसल, कुछ दिन पहले ही एक स्टडी के बाद दावा किया गया था कि ताजा गोमूत्र में कई प्रकार के जीवाणु होते हैं, जो मानव शरीर के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
इस शोध को खारिज करते हुए बुधवार को IVRI के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रविकांत अग्रवाल ने बताया कि गौमूत्र के अर्क में विशेष औषधीय गुण हैं, जो कई प्रकार के जीवाणुओं की वृद्धि को रोकने के साथ ही उसे समाप्त करने की भी क्षमता रखते हैं। डॉ. रविकांत ने बताया कि वर्ष 2018 में उनके नेतृत्व में वैज्ञानिक डॉ. एसके मेंदीरत्ता, डॉ. सुमन तालुकदार, डॉ. अभिषेक, डॉ. एमके सिंह, डॉ. एसई जाधव, डॉ. जीके शर्मा, डॉ. आरएस राठौर और एबी पांडे ने मिलकर गोमूत्र के औषधीय गुण को परखने के लिए स्टडी आरम्भ की। इसके लिए देसी नस्ल की साहिवाल एवं थारपारकर की छह-छह गायें और दो संकर नस्ल की गायों के मूत्र को लिया गया। डॉ. रविकांत ने बताया कि प्रत्येक 3 माह के अंतराल पर छह बार गोमूत्र के नमूनें लिए गए फिर उनका अर्क बनाकर प्रयोगशाला में औषधीय गुणों का परीक्षण किया गया।
शोध के चलते आश्चर्यजनक परिणाम सामने आए। स्टडी के चलते वैज्ञानिकों ने अर्क बनाने के लिए प्रयोगशाला में गोमूत्र को गर्म करके फिर उसे ठंडा किया। फिर ईकोलाई, साल्मोनेला स्पीशीज, स्यूडोमोनास एरुगिनोसा जीवाणुओं के खिलाफ उसका प्रयोग किया गया। हर छह बार के प्रयोग में गोमूत्र का अर्क इन चारों जीवाणुओं को समाप्त करने में कामयाब रहा। वहीं, लिस्टेरिया मोनोसाइटोजेनेस, बेसिलस सेरेस, स्टेफिलोकोकस ऑरियस जीवाणुओं की वृद्धि को रोकने में कामयाब रहा। एक वर्ष तक गोमूत्र का अर्क प्रभावी रह सकता है। हालांकि यह शोध गोमूत्र के अर्क पर आधारित है।
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