तेहरान: हिजाब में से बाल दिख जाने के बाद ईरान की नैतिक पुलिस (Morality Police) ने 22 वर्षीय महसा अमीनी को इस बेरहमी से पीटा था कि वह कोमा में चली गई थी और इसके कुछ दिनों बाद उनकी मौत हो गई। इसके बाद ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों की शुरुआत हो गई थी। इन सबके बीच एक हैरान कर देने वाली रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान में इस साल 500 से अधिक लोगों को सजा-ए-मौत दी गई है। बीते पांच वर्षों में साल 2022 का आंकड़ा सर्वाधिक है। ईरान की इस्लामी हुकूमत ने अलग-अलग अपराधों में लोगों को ये सजा दी है।
वहीं, रिपोर्ट की मानें तो इनके अतिरिक्त अभी कई और भी मामले हैं, जिनकी पुष्टि की जा रही है। यदि वह मामले भी इस आंकड़े में शामिल होते हैं, तो लोगों की तादाद और अधिक हो सकती है। नार्वे बेस्ड ग्रुप ईरान ह्यूमंस राइट्स (IHR) ने यह आंकड़ा जारी किया है। IHR ने इस मामले में मीडिया से बात करते हुए बताया है कि ईरान में वर्ष 2022 में अभी तक कम से कम 504 लोगों को सजा-ए-मौत सुनाई जा चुकी है। इनमें 4 लोग तो ऐसे हैं, जिन्हें विगत रविवार ही यह सजा दी गई है। चारों लोगों पर इजरायल इंटेलिजेंस के साथ काम करने का इल्जाम था।
IHR के डायरेक्टर महमूद अमीरे मोघहद्दम ने मीडिया को बताया कि इन सभी लोगों को बगैर किसी कानूनी प्रक्रिया के ही मौत की सजा दे दी गई है। साथ ही इन लोगों को अपना पक्ष रखने का मौका भी नहीं दिया गया। महमूद ने आगे कहा कि इन लोगों को सजा-ए-मौत देकर ईरान सरकार ने सार्वजनिक रूप से दहशत का माहौल बनाने और प्रदर्शन में शामिल लोगों का ध्यान बांटने का प्रयास किया है।
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