भागती-दौड़ती जिंदगी में अक्सर लोग सिरदर्द, पेटदर्द या हल्का बुखार से परेशान रहते हैं और इसे देखते हुए वह केमिस्ट शॉप से एंटीबायोटिक दवाई लेकर खा लेते हैं। हालाँकि इसका असर हमारे स्वास्थ्य पर किस तरह पड़ेगा इसे भूल जाते हैं। जी हाँ, और आपको बता दें कि डॉक्टरों ने भी ज्यादा एंटीबायोटिक दवाइओं का यूज करने पर गंभीर बीमारियां होने की चेतावनी दी हैं। वहीं द लैंसेट रीजनल हेल्थ-साउथ ईस्ट एशिया के एक अध्ययन में सामने आया है कि भारत में एंटीबायोटिक दवाओं का काफी ज्यादा उपयोग हो रहा है। जिसमें एजिथ्रोमाइसिन 500 मिलीग्राम टैबलेट की एंटीबायोटिक की सबसे अधिक खपत हो रही है, इसके बाद सफिक्सिम 200 मिलीग्राम टैबलेट का इस्तेमाल हुआ।
इस अध्ययन में पाया गया कि भारत में 2019 में कुल डीडीडी की खपत 507।1 करोड़ था। इसी के साथ रिसर्च के हेड डॉ शाफी का कहना है कि ऐसी दवाओं का इस्तेमाल बहुत संभलकर करना चाहिए। इन टैबलेट का उपयोग गंभीर बीमारी से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। नॉर्मल एंटीबायोटिक के रूप में इन दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे जान जाने का खतरा भी बढ़ सकता है। आपको बता दें कि एंटीबायोटिक दवाएं किसी भी मेडिकल स्टोर पर बहुत आसानी से मिल जाती है। जिसके कारण लोग बिना डॉक्टर की सलाह के ही छोटे इंफेक्शन होने पर इन्हें खा लेते हैं।
वहीं इसके बाद उन्हें आराम भी मिल जाता हैं। हालाँकि इन दवाईयों का सेवन करना उनकी आदत बन जाती हैं। ऐसे में लोग इन दवाइयों के साइड इफेक्ट को भी नजरअंदाज कर देते हैं। हालाँकि डॉक्टरों के मुताबिक इन दवाओं से शरीर में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस हो सकता है, यानी दवाओं का अधिक सेवन करने पर बाद में ये असर करना भी बंद कर सकती है। केवल यही नहीं बल्कि अधिक मात्रा में ये दवाई खाने से किडनी पर भी इसका असर पड़ सकता है। इसी के साथ हार्ट के फंक्शन और पेट संबंधित परेशानियों की भी शिकायत हो सकती है।
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