मुंबई: बॉम्बे उच्च न्यायालय ने एक महिला द्वारा दाखिल कथित बलात्कार और धमकी के मामले में भाजपा विधायक गणेश नाइक को बुधवार को अग्रिम जमानत दे दी है। कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच सहमति से संबंध बने थे। जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई की एकल बेंच ने कहा कि आरोपी और पीड़िता के बीच आपसी सहमति से संबंध बने थे, इसलिए 'प्रथमदृष्टया इसमें रेप का मामला नहीं बनता है।'
जस्टिस प्रभुदेसाई ने कहा है कि, 'हिरासत में पूछताछ के लिए कोई केस नहीं बनता है। जमानत के लिए आवेदन सिर्फ इस आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता है कि आवेदक एक MLA हैं।' कोर्ट ने हालांकि, नाइक को एक हफ्ते के अंदर अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर पुलिस को सौंपने का निर्देश दिया है। दरअसल, पीड़िता ने दावा किया था कि नाइक ने उसे अपनी रिवॉल्वर से उसे धमकाया था। हाई कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी की स्थिति में नाइक 25,000 रुपये के मुचलके पर जमानत पाने के हक़दार हैं। हाई कोर्ट ने नवी मुंबई के ऐरोली क्षेत्र से भाजपा MLA नाइक को निर्देश दिया कि उन्हें पूछताछ के लिए सोमवार और मंगलवार को संबंधित पुलिस थाने में हाजिर होना होगा।
बता दें कि अपनी शिकायत में 42 साल की महिला ने दावा किया कि वह 1995 से महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नाइक के साथ 'लिव-इन रिलेशनशिप' में थी। FIR में यह भी कहा गया है कि उनके बीच शारीरिक संबंध थे और दंपति का एक बच्चा भी है। महिला ने आरोप लगाते हुए कहा था कि नाइक उसके साथ अच्छा वर्ताव नहीं कर रहे थे और उसके फोन नहीं उठाते थे। उन्होंने कहा कि उनके बीच लगातार विवाद भी हो रहे थे। नाइक ने दावा किया कि उनके सियासी प्रतिद्वंद्वियों के इशारे पर यह केस दर्ज किया गया है।
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