तेहरान: ईरान की सरकार ने तेहरान में एक विशेष 'हिजाब क्लिनिक' खोलने की योजना बनाई है, जहां अनिवार्य हिजाब कानून का पालन न करने वाली महिलाओं का इलाज किया जाएगा। इस क्लिनिक की इंचार्ज मेहरी तालेबी दारस्तानी का कहना है कि यह केंद्र हिजाब का विरोध करने वाली महिलाओं के लिए वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक सहायता उपलब्ध कराएगा, खासकर किशोरियों, युवाओं और उन महिलाओं के लिए जो अपनी सामाजिक और धार्मिक पहचान बनाना चाहती हैं। उनका यह भी कहना है कि इस सेंटर में आना स्वैच्छिक होगा।
इस हिजाब क्लिनिक को गरिमा, शालीनता, और धार्मिकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया जा रहा है। दारस्तानी, जो पहले भी अपने विवादास्पद बयानों के कारण चर्चा में रही हैं, ने एक बार ईरान के सरकारी टीवी पर बाल विवाद को बढ़ावा दिया था, और 2023 में अस्पष्ट कारणों से उन्हें श्रम मंत्रालय से बर्खास्त कर दिया गया था। ईरान के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और मनोवैज्ञानिक समुदाय ने इस क्लिनिक के विचार का विरोध करते हुए इसे अपमानजनक और विरोध को दबाने का एक तरीका बताया है। कुछ दिनों पहले, एक ईरानी छात्रा ने विश्वविद्यालय परिसर में ड्रेस कोड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद उसे हिरासत में लेकर मानसिक स्वास्थ्य उपचार के लिए भेज दिया गया था।
इस योजना के पीछे ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई के करीबी सहयोगी मोहम्मद सालेह हाशमी गोलपायगनी का हाथ बताया जा रहा है, जो ‘प्रमोशन ऑफ वर्च्यू एंड प्रिवेंशन ऑफ वॉइस’ मुख्यालय का नेतृत्व करते हैं। ये संगठन महिलाओं के ड्रेस कोड और अन्य धार्मिक मापदंडों को लागू करने का कार्य करता है। अमेरिका, ब्रिटेन, और यूरोपीय संघ ने हाशमी पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगाते हुए प्रतिबंध भी लगाए थे, जो 2022 में हिजाब विरोधी आंदोलन के दौरान हुए सरकारी दमन के जवाब में थे।
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