निर्माता-निर्देशक अनुराग कश्यप बेबाक बयानी के लिए जाने जाते हैं। सोशल मीडिया हो या कोई अन्य सार्वजनिक प्लेटफॉर्म अनुराग कश्यप अपनी राय रखते नजर आते हैं। फिलहाल इस वजह से कई बार उन्हें ट्रोलिंग का भी सामना करना पड़ता है। अनुराग कश्यप अभी तक खुलकर मोदी सरकार के कई कामों पर सवालिया निशान उठाते रहे हैं। अब उन्होंने नागरिकता संशोधन विधयेक (CAB) पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। एक कार्यक्रम में पहुंचे अनुराग कश्यप ने कहा कि 'यह रुकने वाला नहीं है। हमने इसके लिए उन्हें वोट दिया था। हमें यही मिलना चाहिए और यही मिलता रहेगा। मैंने खुद को इन सबसे अलग कर लिया है। मैं किसी भी बात का समर्थन नहीं करता हूं।'
निर्देशक अनुराग कश्यप ने आगे कहा कि 'यह एक ऐसी प्रकिया है जिसमें या तो आप मौजूद हो जाएं या उन्हें छोड़ दें। हमें यह समझना होगा कि यह किसी के साथ भी हो सकता है। तभी हम एक समाज के तौर पर विकसित होंगे।' नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर देशभर में हर किसी की राय बंटी नजर आ रही है। बहुत से संगठनों और राजनेताओं ने नागरिकता संशोधन विधेयक की आलोचना की है। इसकी फिल्मी कलाकारों, लेखकों, शिक्षकों और पूर्व न्यायाधीशों सहित करीब 700 हस्तियों ने सरकार को पत्र लिखकर इस विधेयक को वापस लेने की अपील की है।
भारत सरकार को पत्र लिखने वालों की लिस्ट में जावेद अख्तर, नसीरुद्दीन शाह, नंदिता दास, अपर्णा सेन, इतिहासकार रोमिला थापर, लेखक अमिताव घोष, आनंद पटवर्धन, सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव, तीस्ता सीतलवाड़, हर्ष मंदर और अरुणा राय सहित तमाम बड़ी हस्तियों ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखकर नागरिकता संशोधन विधेयक पर विरोध जताया है। इन सभी हस्तियों ने पत्र में लिखा- 'सांस्कृतिक और शैक्षिक वर्ग के लोग इस विधेयक को भेदभावपूर्ण, विभाजनकारी और असंवैधानिक बताते हुए इसकी आलोचना करते हैं। एनआरसी की तरह ये भी देश के लोगों के लिए पीड़ा बनेगा। यह भारतीय गणतंत्र को नुकसान पहुंचाएगा इसलिए सरकार से हमारी अपील है कि इस विधेयक को वापस लिया जाए।'
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