लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक हैरान करने वाला मामला प्रकाश में आया है, यहाँ एक दलित महिला के साथ सामूहिक बलात्कार की वीभत्स घटना हुई है। इस मामले में कुल 7 आरोपितों के खिलाफ गैंगरेप के आरोपों में FIR दर्ज हुई है। शिकायत में पीड़िता का मोबाइल छीन लेने और बुरी तरह पीटे जाने का भी आरोप है। रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य आरोपित का नाम अनवर है, जिसे पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। अन्य 6 आरोपित फरार बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, ये घटना मंगलवार (25 जून 2024) को लखनऊ के थानाक्षेत्र सुशांत गोल्फ सिटी में घटी। यहाँ 3 बच्चों की माँ ने अपने साथ सामूहिक दुष्कर्म होने और पीटे जाने के मामले में कुल 7 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में 30 वर्षीया दलित पीड़िता ने बताया है कि वह काफी गरीब परिवार से है और उनके पति ऑटो चलाकर परिवार का भरण पोषण करते हैं। शिकायत के मुताबिक, मंगलवार (25 जून 2024) को पीड़िता दवा लेने सुशांत गोल्फ सिटी के सरकारी अस्पताल जा रही थी, इसी बीच खुर्दही बाजार के पास पहले से मौजूद 7 लोगों ने महिला को पकड़ लिया। अपनी शिकायत में पीड़िता ने अनवर को मुख्य आरोपित बताया है, पहल उसी ने की थी।
इसके बाद सभी आरोपित महिला को नजदीक के एक बाग़ में उठा ले गए। यहाँ महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। जब पीड़िता ने आरोपितों की हरकतों का विरोध किया, तो उसे बुरी तरह पीटा गया। यही नहीं आरोपियों ने महिला का मोबाइल भी छीन लिया। जैसे-तैसे पीड़िता ने पुलिस स्टेशन पहुँच कर इंसाफ की गुहार लगाई। पुलिस टीम ने तत्काल ही मामले का संज्ञान लिया और मौका ए वारदात की तरफ रवाना हुई, लेकिन तब तक सभी आरोपी फरार हो चुके थे।
पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने 30 साल के मुख्य आरोपी अनवर सहित कुल 7 आरोपितों के खिलाफ FIR दर्ज की। इन सभी पर IPC की धारा 376 (डी) और 506 के साथ SC/ST एक्ट के सेक्शन 3(2)(V) के तहत केस दर्ज किया गया। पुलिस टीमों का गठन कर के आरोपितों की तलाश में दबिश देना शुरू कर दी गई। आखिरकार 26 जून (बुधवार) को मुख्य आरोपित अनवर को लखनऊ के ही सुल्तानपुर रोड से तब पकड़ लिया गया, जब वो शहर से बाहर भागने की फिराक में था। आरोपित का रिमांड लेने की कोशिशें जारी है, जिससे घटना के बारे में विस्तार से पूछताछ की जा सके। इसके साथ ही फरार चल रहे अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है। इस मामले में अभी तक किसी दलित नेता की प्रतिक्रिया नहीं आई है।