कुछ व्यक्ति गले में दर्द एवं कफ की दिक्कत से परेशान रहते हैं। गलत आहार, धूम्रपान, तेज़ आवाज में बोलना तथा इंफेक्शन के कारण उनको गले में समस्या हो जाती है। ठीक वक़्त पर उचित उपचार न लेने से कभी-कभी परेशानी बढ़ भी जाती है। परिवर्तित होते मौसम में बेहद अधिक ख्याल रखने की आवश्यकता पड़ती है, अन्यथा इसके साथ-साथ बुखार आने की संभावना भी रहती है। ऐसे वक़्त में ठंडा खाने-पीने में परहेज रखना चाहिए। कुछ भी खाने से पूर्व हाथ धोने से किटाणु नष्ट हो जाते हैं। सैनिटाइजर की शीशी अपने समक्ष रखें।
साथ ही गले में किसी भी तरह की दिक्कत होने पर हल्का गर्म पानी पीने से राहत प्राप्त होती है। इंफेक्शन ग्रसित लोगों के कांटेक्ट में आने पर भी संक्रमण फैलता है। गले में खरखराहट होने पर स्पीच थेरेपी की सलाह दी जाती है। उन्हें अपने गले को बीच-बीच में राहत देते रहना चाहिए। धूम्रपान करने वालों के लिए गले में इंफेक्शन समस्या का सबब बन सकता है, क्योंकि उससे कैंसर का संदेह बढ़ जाता है। इसलिए धूम्रपान से बचना चाहिए।
वही गले में दर्द, टॉन्सिल अथवा कफ होने पर मध्यम गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करने से राहत मिलती है। चाय में शहद डाल कर अथवा फिर ऐसे भी लेने पर बेहद आराम मिलता है। सप्ताह-दस दिन में ठीक न होने पर एंडोस्कोपी से दिक्कत की वजह पता की जा सकती है। साथ ही इन बातों पर भी ध्यान देना आवश्यक है कि जितना हो सके, बाहर का खाना खाने से बचना चाहिए, तथा मार्केट से कटे फल-सब्जी न क्रय करे। साथ ही खाना बनाने से पूर्व सब्जियों को मध्यम गर्म पानी से धो लें, साथ ही एसी से तुरंत धूप में न निकलें। इन चीजों का ध्यान रखना अतिआवश्यक है।
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