आंध्र प्रदेश राज्य सरकार ने ईपीएफ कडप्पा क्षेत्रीय कार्यालय घोटाला मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। आइए इस मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं कि ईपीएफ कडप्पा क्षेत्रीय कार्यालय में 1.64 करोड़ रुपये की हेराफेरी के आरोप में सीसी नंबर 137/2016 के तहत कडप्पा वन टाउन पुलिस स्टेशन में 2016 में आईपीसी की धारा 403, 406, 409, 420 के तहत मामला दर्ज किया गया था। यह सभी कानूनी धारा लागू के रूप में यह एक घोटाले का मामला है।
अब एपी सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) 2016 घोटाला मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का फैसला किया है। बता दें कि मामले के पांच साल बाद सीबीआई को यह ट्रांसफर दर्ज किया जा रहा है। राज्य के गृह प्रमुख सचिव कुमार विश्वजीत ने बुधवार को इस आशय के आदेश जारी किए। गौर हो कि सीबीआई हैदराबाद क्षेत्रीय कार्यालय ने इस संबंध में 2017 में मामला दर्ज किया था। सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है क्योंकि दो जांच एजेंसियों को एक अपराध को लेकर जांच करानी चाहिए।
हालांकि, इस संबंध में राज्य सरकार ने सीबीआई को दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम-1946 की धारा 6 के तहत मामले की जांच सौंपने के लिए अधिसूचित किया है जिसके तहत सीबीआई संचालित है। सीबीआई ने आरोप लगाया कि आरोपी ने फर्जी बैंक पासबुक जमा की, झूठे दावों को जमा किया और क्लेम फॉर्म में डेटा हेराफेरी की। रिपोर्ट के अनुसार 62 धोखाधड़ी के दावों का पता चला, जहां ईपीएफओ को गलत तरीके से नुकसान हुआ।
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