आप सभी को बता दें कि हिंदू धर्म पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ महीने में कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन अपरा एकादशी का व्रत रखते हैं. इसे अचला एकादशी भी कहते हैं. इस साल अपरा एकादशी का व्रत 18 मई को रखा जाने वाला है. जी दरअसल इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता हैं कि अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की निष्ठापूर्वक भक्ति करने से व्रती को स्वर्गलोक की प्राप्ति होती हैं.
अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं अपरा एकादशी की पूजा विधि और मंत्र जाप के बारे में. अपरा एकादशी का शुभ मुहूर्त 17 मई को दोपहर में 12 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानि 18 मई को दोपहर 3 बजकर 8 मिनट तक रहने वाले हैं. वहीं इस शुभ मुहूर्त में भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और इसके अलावा आप चौघड़िया तिथि में भी विष्णु जी की पूजा कर सकते हैं जबकि पारण 19 मई को ब्रह्म मुहूर्त में हैं. दशमी के दिन व्रती को माँसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए और इस दिन लहसुन और प्याज भी नहीं खाना चाहिए. ध्यान रहे अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ सफाई करें और इसके बाद स्नान ध्यान से निवृत होकर सबसे पहले आचमन कर अपने को शुद्ध करें. अब इसके बाद पीला वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें. अब भगवान भास्कर को जल दें और इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा पीले पुष्प, फल, धूप दीप, कपूर, चंदन,दूर्वा, अक्षत आदि से करें. अब पूजा के बाद इस मंत्र का जाप अवश्य करें.
मंत्र जाप— शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशम्, विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम् | लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्, वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ||
राधा ने नहीं बल्कि इन्होने दी थी कृष्णा को बंसी