हिंदू धर्म में अपरा एकादशी का एक विशेष महत्व माना जाता है. जी दरअसल पद्मपुराण को माना जाए तो यह व्रत करने से जीते जी ही नहीं बल्कि मृत्यु के बाद भी लाभ मिलता है. आप सभी को बता दें कि यह व्रत आज है. जी दरअसल ऐसी मान्यता है कि अगर कोई प्रेत योनि में चला गया हो तो उसे भी एकादशी के पुण्य देने प्रेत योनि से मुक्ति मिल जाती है. तो आइए आपको बताते हैं इस व्रत का मुहूर्त और लाभ.
* अपरा एकादशी की तिथि 17 मई की दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से लग चुकी है. यह 18 मई की दोपहर 3 बजकर 08 मिनट तक रहेगी. पारण मुहूर्त 19 मई की सुबह 05 बजकर 27 मिनट 52 सेकंड से 08 बजकर 11 मिनट और 49 सेकंड तक है.
* जी दरअसल श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया कि अपरा एकादशी पुण्य प्रदाता और बड़े-बड़े पातकों का नाश करने वाली है. उन्होंने कहा था ब्रह्म हत्या से दबा हुआ, गोत्र की हत्या करने वाला, गर्भस्थ शिशु को मारने वाला, परनिंदक और परस्त्रीगामी भी अपरा एकादशी का व्रत रखने से पापमुक्त होकर श्री विष्णु लोक में प्रतिष्ठित हो जाता है. इस तरह आज आप इस व्रत को रखकर लाभ पा सकते हैं.
अपरा एकादशी के दिन जरूर करें एकादशी की आरती