नई दिल्ली : 15वें वित्त आयोग के गठन को मंजूरी मिल गई है. यह आयोग देश के टैक्स संसाधनों का आकलन कर उसे राज्यों के बीच बांटने के सूत्र सुझाएगा. इस बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि आयोग के सदस्यों, इसके नियम व शर्तें यथा समय अधिसूचित की जाएंगी.
उल्लेखनीय है कि संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत आयोग को कर संग्रह से मिली राशि को केंद्र और राज्यों के बीच बंटवारे पर सिफारिशें देनी होती हैं.इसके अलावा वित्त आयोग भारत के समेकित कोष से राज्यों को अनुदान के रूप में दिए जाने वाले राजस्व की निगरानी के सिद्धांतों के बारे में भी अपने सुझाव देता है.15वें वित्त आयोग की सिफारिशें 1अप्रैल, 2020 तक आएंगी. वित्त मंत्री के अनुसार सामान्य तौर पर वित्त आयोग को अपनी सिफारिशें देने में दो साल का समय लग जाता है.
आपको जानकारी दे दें कि भारतीय वित्त आयोग 1951 को अस्तित्व में आया. इसका गठन भारतीय संविधान की धारा 280 के तहत किया गया. इस आयोग को केंद्र और राज्य के बीच राशि संबंधित मामलों पर अपनी अनुशंसा देता है. वित्त आयोग के गठन का अधिकार सिर्फ राष्ट्रपति को प्राप्त है. इस आयोग में राष्ट्रपति द्वारा एक अध्यक्ष और चार अन्य सदस्य नियुक्त किये जाते हैं.
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