दुनियाभर में 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे मनाया जाता है. इस दिवस को मूर्ख दिवस भी कहा जाता है. भारत में ख़ास तौर पर इस दिन लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को मूर्ख बनाकर खुश होते हैं. लेकिन क्या आप इस बात से वाकिफ़ है कि अप्रैल फूल क्यों मनाया जाता है ? तो आइए जाने इसके बारे में विस्तार से...
1 अप्रैल और मूर्खता के बीच सबसे पहला दर्ज किया गया संबंध चॉसर के कैंटरबरी टेल्स (1392) में देखने को मिलता है. जबकि कई लेखों की माने तो 16वीं सदी में एक जनवरी को न्यू ईयर्स डे के रूप में मनाए जाने का चलन एक छुट्टी का दिन निकालने के लिए शुरू किया गया था, लेकिन यह सिद्धांत पुराने संदर्भों का उल्लेख करने में सक्षम नहीं है. जबकि इसके बाद 1 अप्रैल के दिन कई फनी घटनाएं इतिहास में देखने को मिली और फिर इसके चलते इस दिन को अप्रैल फूल-डे मनाने के तौर पर चुना गया.
ख़ास बात यह है कि अप्रैल फूल डे केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मनाया जाता है. जहां कुछ देशों में तो आज के दिन छुट्टी भी होती है. वहीं भारत में आइए नही होता है. इस दिन भरे मात्रा में मजाक किया जाता है. यही नहीं जिनके साथ मजाक होता है वह बुरा भी नहीं मानते हैं. इस दिवस को अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. जहां आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन में अप्रैल फूल डे केवल दोपहर ही मनता है. वहीं फ्रांस, आयरलैंड, इटली, दक्षिण कोरिया, जापान रूस, नीदरलैंड, जर्मनी, ब्राजील, कनाडा और अमेरिका में जोक्स का सिलसिला दिन भर जारी रहता है. इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कि पहली बार इसे कब बनाया गया था.
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