सनातन धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत एक विशेष महत्व रखता है। यह व्रत माता दुर्गा को समर्पित होता है तथा हर माह में एक बार मनाया जाता है। दुर्गा पूजा की इस मासिक परंपरा का पालन करने से श्रद्धालुओं को मानसिक और आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है, और उनके जीवन में सुख और समृद्धि का वास होता है।
पंचांग के अनुसार तिथि
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 8 नवंबर को दोपहर 11 बजकर 56 मिनट पर शुरू होगी। अष्टमी तिथि का समापन 9 नवंबर को देर रात 10 बजकर 45 मिनट पर होगा। इस प्रकार, उदयातिथि के अनुसार, 9 नवंबर को मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व मनाया जाएगा।
पूजा का सही नियम
शुभ मुहूर्त:
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन शुभ मुहूर्त के अनुसार पूजा-अर्चना करें। पंचांग में बताए गए समय का पालन करें।
पूजा विधि:
दुर्गा माता की पूजा के सभी विधि-विधान का पालन करें। हर एक क्रिया को ध्यानपूर्वक करें।
मन की एकाग्रता:
पूजा करते समय मन को एकाग्र रखें। इस समय केवल माता दुर्गा का ध्यान करें।
शुद्ध सामग्री का उपयोग:
पूजा के लिए शुद्ध और ताजा सामग्री का उपयोग करें। यह पूजा की शुद्धता को बनाए रखने में मदद करता है।
मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व
ऐसी मान्यता है कि मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखने से लोगों को शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है और माता दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही माता दुर्गा से कार्य करने की शक्ति प्राप्त होती है और जल्द ही लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। दुर्गाष्टमी के दिन भक्ति भाव से पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और बुरी और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।
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