कहीं आप भी तो नहीं हो रहे डिजिटल ठगी का शिकार

कहीं आप भी तो नहीं हो रहे डिजिटल ठगी का शिकार
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डिजिटल परिवर्तन के दौर में इंडिया में स्कैम के केस भी तेजी से बढ़ते चले जा रहे है. स्कैमर्स आए दिन लोगों को लूटने के लिए नए नए तरीके भी अपनाने में लगे हुए है. हाल ही में कानपुर में एक ऐसा ही केस सामने आ गया है, जहां एक व्यक्ति ने अपने परपोते के लिए ऑनलाइन पैन कार्ड के लिए आवेदन करने का ट्राई किया, जिसके उपरांत उसके अकाउंट से 7.7 लाख रुपये कट गए.

खबरों का कहना है कि ये स्कैम तब हुआ जब शख्स अपने परपोते के लिए पैन कार्ड बनवाने के लिए ऑनलाइन सर्च कर रहा था. तभी उसे एक ग्राहक सेवा हेल्पलाइन नंबर मिला. उसने जब नंबर पर बात की तो सामने से दो लोगों ने उससे आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंकिंग डिटेल्स की भी मांग की.

बैंक अकाउंट से कट गए 7 लाख से ज्यादा रुपये: इतना ही नहीं पीड़ित ने असली कस्टमर केयर समझकर सभी डिटेल्स भी साझा की है. इसके उपरांत स्कैमर्स ने पीड़ित के बैंक खातों तक पहुंचने के लिए इस जानकारी का लाभ भी उठाया. फिर दो बार में पीड़ित ने 1,40,071 रुपये और 6,30,071 रुपये गंवा दिए. शख्स का कुल  7.7 लाख रुपये की हानि भी हुई थी. धोखाधड़ी का एहसास होने पर शख्स ने साइबर सेल में इसकी शिकायत भी दर्ज करवाई गई.

इन बातों का ध्यान रखना जरूरी

1. किसी भी वेबसाइट या कस्टमर सर्विस नंबर्स की ऑथेंटिसिटी की पूरी तरह जांच कर लेना चाहिए.

2. न कार्ड से संबंधित सेवाओं के लिए NSDL या UTIITSL जैसे ऑफिशियल सरकारी पोर्टल का ही उपयोग करें.

3. आधार या पैन कार्ड डिटेल्स और बैंकिंग क्रेडेंशियल जैसी जानकारी को किसी के साथ साझा न करें.

4. कस्टमर सपोर्ट का दावा करने वाले कॉल्स या मैसेज से सावधान रहना होगा.

5. शक की स्थिति में पुलिस या साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल cybercrime.gov.in पर इसकी रिपोर्ट कर दें.

5. पासवर्ड, कार्ड पिन, CVV जैसी जानकारियां किसी के साथ भी साझा न करें. 

6. ओटीपी वाले फर्जी मैसेज को पहचानें और उसे तुरंत ब्लॉक कर डालें.

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