क्या आप भी नववर्ष पर बना रहे हैं बाबा-महाकाल के दरबार जाने का प्लान? जानिए-नियम

क्या आप भी नववर्ष पर बना रहे हैं बाबा-महाकाल के दरबार जाने का प्लान? जानिए-नियम
Share:

उज्जैन: अगर आप उज्जैन स्थित बाबा महाकाल के दरबार में नए साल का स्वागत करने का विचार कर रहे हैं, तो आपके लिए यह खबर अत्यंत महत्वपूर्ण है। बाबा महाकाल के दरबार में प्रतिदिन सुबह 4 बजे होने वाली भस्म आरती के दर्शन से संबंधित व्यवस्था में 8 दिनों के लिए एक बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है। अब श्रद्धालुओं को भस्म आरती के लिए ऑनलाइन बुकिंग करने का विकल्प नहीं मिलेगा, बल्कि उन्हें ऑफलाइन बुकिंग प्रक्रिया का पालन करना होगा। इस परिवर्तन के बारे में जानकारी श्री महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक ने साझा की है।

महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि नववर्ष के चलते भस्म आरती में श्रद्धालुओं की संख्या में अचानक भारी वृद्धि हो जाती है, जिससे मंदिर प्रशासन को इस समय ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था को बंद करने का फैसला लेना पड़ता है। हर वर्ष की भांति इस बार भी, 26 दिसंबर से लेकर 2 जनवरी तक भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग सेवा स्थगित रहेगी। इसका मतलब है कि श्रद्धालुओं को अब इन 8 दिनों के चलते भस्म आरती में शामिल होने के लिए ऑफलाइन प्रक्रिया अपनानी होगी।

ऑफलाइन दर्शन के लिए फॉर्म वितरण
गणेश धाकड़ ने आगे बताया कि 26 दिसंबर से मंदिर में ऑफलाइन दर्शन की व्यवस्था आरम्भ हो जाएगी। श्रद्धालुओं को त्रिवेणी संग्रहालय के पास स्थित पिनाकी द्वार के काउंटर से रात 10 बजे के पश्चात् ऑफलाइन दर्शन के लिए फॉर्म मिलेंगे। यह फॉर्म केवल वही श्रद्धालु प्राप्त कर सकेंगे, जो रात 10 बजे के बाद मंदिर परिसर में उपस्थित होंगे। इन फॉर्म्स को भरकर और आवश्यक जानकारी के साथ जमा करने के बाद ही श्रद्धालु भस्म आरती में सम्मिलित होने का अवसर प्राप्त करेंगे और बाबा महाकाल के दर्शन का लाभ उठा सकेंगे। इस प्रक्रिया के चलते मंदिर प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि फॉर्म भरने और जमा करने की व्यवस्था सरल और स्पष्ट हो, जिससे श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के भस्म आरती में सम्मिलित हो सकें।

गणेश धाकड़ ने यह भी बताया कि भस्म आरती के चलते रेडियो फ्रीक्वेंसी बैंड (RFID) के सफल परीक्षण के पश्चात् अब यह व्यवस्था जल्द ही महाकालेश्वर मंदिर के नंदी हॉल में भी लागू की जाएगी। इसके तहत नंदी हॉल और गर्भगृह की दहलीज तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को RFID बैंड पहनना होगा। सिर्फ वही श्रद्धालु, जिनके हाथ में यह बैंड होगा, उन्हें नंदी हॉल और गर्भगृह के पास तक जाने की अनुमति मिलेगी। यह नई व्यवस्था महाकाल मंदिर में दर्शन व्यवस्था को और अधिक व्यवस्थित और सुचारू बनाने के उद्देश्य से लागू की जा रही है। प्रशासन ने बताया कि वर्तमान में श्रद्धालुओं को नंदी हाल और गर्भगृह की दहलीज से भगवान महाकाल के दर्शन कराए जाते हैं, किन्तु इस व्यवस्था में कुछ खामियां हैं, जिनका सुधार किया जा रहा है। जल्द ही, नंदी हाल और गर्भगृह तक दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के हाथ में RFID बैंड होगा, जिससे दर्शन की प्रक्रिया को और अधिक नियंत्रण में रखा जा सकेगा।

प्रत्येक वर्ष नववर्ष के दौरान महाकाल मंदिर में भस्म आरती में श्रद्धालुओं के आंकड़े में अप्रत्याशित वृद्धि होती है। इस समय मंदिर प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होता है कि दर्शनार्थियों को सुगम और व्यवस्थित तरीके से बाबा महाकाल के दर्शन का लाभ मिले। इसी कारण से, ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा को बंद कर दिया जाता है तथा ऑफलाइन बुकिंग प्रक्रिया को लागू किया जाता है। इस परिवर्तन से न केवल व्यवस्था में सुधार होता है, बल्कि श्रद्धालुओं को एक बेहतर और सुविधाजनक अनुभव भी मिलता है।

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
- Sponsored Advert -