शरीर में सबसे आम कमी विटामिन डी की ही देखने के लिए मिलती है. आजकल हर दूसरा व्यक्ति विटामिन डी की कमी को झेल रहा है, इतना ही नहीं ये परेशानी ज्यादातर ठंड के मौसम में ही देखने के लिए मिलती है, विटामिन डी की कमी से शरीर में दर्द कई गुना बढ़ जाता है. इसलिए विटामिन D से भरपूर इन खाद्य पदार्थों का सेवन करना बहुत ही अहम् हो जाता है. शरीर के लिए सभी विटामिन, मिनरल और दूसरे पोषक तत्व अपना अहम् रोल अदा करते है. लेकिन कुछ विटामिन ऐसे भी होते हैं जिनकी कमी से शरीर में दूसरे विटामिन भी कम हो जाते हैं.
इतना ही नहीं ऐसा ही एक जरूरी पोषक तत्व है विटामिन डी. विटामिन डी की कमी होने पर शरीर में कैल्शियम और आयरन भी तेजी से कम होने लग जाते है. जिसकी वजह से शरीर पर भी बेहद ही गंभीर असर देखने के लिए मिल सकता है. विटामिन डी कम होने पर इम्यूनिटी में भी गिरावट देखने के लिए मिलती है. सर्दियों में जब शरीर में विटामिन डी कम होता है तो बीमारियों से लड़ने की क्षमता और भी ज्यादा कम हो जाती है. इसलिए यदि आप पूरी सर्दी बीमारियों से दूर रहना चाहते हैं तो अपनी डाइट में विटामिन D से भरपूर इन चीजों को जरूर शामिल कर लें.
विटामिन डी की कमी से होने वाली बीमारियाँ:
हड्डियों की कमजोरी (Osteoporosis) और हड्डियों का दर्द: विटामिन डी की कमी से कैल्शियम का अवशोषण ठीक से नहीं हो पाता, जिससे हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं और उनमें दर्द हो सकता है। यह स्थिति ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) और ऑस्टियोमलेशिया (Osteomalacia) जैसी बीमारियों का कारण बन सकती है। ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियाँ अत्यधिक नाजुक हो जाती हैं, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। ऑस्टियोमलेशिया में हड्डियाँ नरम हो जाती हैं, जिससे हड्डियों में दर्द और कमजोरी होती है।
रोग प्रतिकारक तंत्र (Immune System) की कमजोरी: विटामिन डी का प्रमुख कार्य इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना है। इसकी कमी से शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे सर्दी, जुकाम, फ्लू और अन्य संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है। विटामिन डी की कमी से शरीर को आंतरिक संक्रमण से लड़ने में कठिनाई हो सकती है।
दिल की बीमारियाँ (Heart Diseases): विटामिन डी की कमी से दिल से संबंधित बीमारियाँ भी हो सकती हैं। यह रक्त वाहिकाओं और दिल पर प्रभाव डालता है, जिससे हृदय रोगों का जोखिम बढ़ सकता है। शोध से यह भी पता चला है कि विटामिन डी की कमी से हाई ब्लड प्रेशर और दिल के दौरे (Heart Attack) का खतरा बढ़ सकता है।
मांसपेशियों की कमजोरी (Muscle Weakness): विटामिन डी की कमी से मांसपेशियाँ कमजोर हो सकती हैं, जिससे शारीरिक गतिविधियों में परेशानी हो सकती है। यह समस्या खासकर बुजुर्गों में अधिक देखने को मिलती है, जो गिरने और हड्डी टूटने के जोखिम को बढ़ा सकती है।
डायबिटीज (Diabetes): विटामिन डी की कमी से टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम बढ़ सकता है। विटामिन डी इंसुलिन के उत्पादन और कार्य में सहायक होता है, और इसकी कमी से शरीर में इंसुलिन का स्तर अनियंत्रित हो सकता है, जो डायबिटीज का कारण बनता है।
गर्भावस्था में परेशानी: गर्भवती महिलाओं में विटामिन डी की कमी से गर्भावस्था के दौरान जटिलताएँ हो सकती हैं, जैसे कि गर्भपात, प्री-टर्म डिलीवरी और बच्चे का वजन कम होना। यह बच्चे की हड्डियों और दांतों के विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
मानसिक समस्याएँ (Mental Health Issues): विटामिन डी की कमी मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल सकती है। यह डिप्रेशन, चिंता (Anxiety) और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। शोधों में यह पाया गया है कि विटामिन डी की कमी से मूड स्विंग्स और मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएँ बढ़ सकती हैं।
कैंसर (Cancer):: कुछ शोधों में तो ये भी कहा गया है कि, विटामिन डी की कमी से कैंसर के कुछ प्रकारों का खतरा बढ़ सकता है, जैसे कि ब्रेस्ट कैंसर, कोलोन कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर। विटामिन डी शरीर में सेल ग्रोथ और विभाजन को नियंत्रित करता है, जिससे इसके अभाव में कोशिकाएँ असामान्य रूप से बढ़ सकती हैं, जो कैंसर का कारण बन सकता है।
त्वचा संबंधी समस्याएँ (Skin Problems): विटामिन डी की कमी से त्वचा संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे कि एक्जिमा (eczema) और सोरायसिस (psoriasis)। यह त्वचा की रोग प्रतिकारक क्षमता को प्रभावित कर सकता है, जिससे त्वचा पर जलन, खुजली और सूजन हो सकती है।
विटामिन डी से भरपूर फूड आइटम: यदि आपके शरीर में भी विटामिन डी की कमी तेजी से बढ़ रही है तो एक बार डॉक्टर्स से सलाह जरूर ले लें, इससे आपकी परेशानी भी खत्म हो जाएगी और आपको सही उपाए भी पता चल जाएगा.
संतरा - कुछ लोग सर्दियों में संतरा खाने से बचते हैं लेकिन संतरे में विटामिन डी, विटामिन सी और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है. आप संतरा खा सकते हैं या संतरे के जूस का भी सेवन कर सकते है. इससे शरीर में विटामिन डी और कैल्शियम दोनों की कमी पूरी होगी. इम्यूनिटी तेजी से बढ़ने लग जाएगी.
सी फूड - विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए अपनी डाइट में सीफूड को भी एड कर लें. समुद्री मछलियों में आप सैल्मन, टूना और मैकेरल मछली खा सकते हैं. इन्हें विटामिन डी और हेल्दी फैट का अच्छा स्रोत कहा जाता है.
दूध - दूध और डेयरी उत्पाद भी विटामिन डी का अच्छा स्रोत माना गया है. खासकर गाय का दूध पीने से शरीर को विटामिन डी प्राप्त होता है. दूध में विटामिन डी के अलावा कैल्शियम और दूसरे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं. इसलिए दिन में 1-2 गिलास दूध अवश्य पिएं.
मशरूम - विटामिन D की कमी को दूर करने के लिए अपनी डाइट में मशरूम का सेवन लाभदायक होता है. मशरूम को विटामिन डी का बेहतरीन स्रोत माना जाता है. मशरूम जब सूरज की रोशनी के संपर्क में आते हैं तो उनमें विटामिन D बनता है. मशरूम को अपनी डाइट का भाग जरूर बनाएं.
दही - शाकाहारियों को अपने खाने में दही जरूर शामिल करना अच्छा हो सकता है। सर्दियों में घर पर बना ताजा दही खाएं। इससे शरीर को विटामिन D और कैल्शियम दोनों ही मिलते है। रोजाना दही खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं और पाचन भी दुरुस्त रहता है.
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