इंटरनेट हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है. सुबह से लेकर शाम तक अपने कितने ही कामों के लिए हमें तकनीक के इस बड़े आविष्कार पर निर्भर रहना पड़ता है. दफ्तर में काम हो या रेल के टिकट बुक कराना. कोई खरीददारी करने हो या फिर किसी बिल का भुगतान ही क्यों न करना हो, इंटरनेट हमारी हर जरूरत को पूरा करने का काम करता है. लेकिन, इंटरनेट का अधिक इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिहाज से ठीक नहीं है.
इंटरनेट की लत में डूबे बच्चों को जल्द ही मानसिक बीमारों की लिस्ट में शामिल किया जाएगा. जानकार मानते हैं कि डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिकल मैनुअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर में अगले साल मई से 'इंटरनेट यूज डिसऑर्डर' को भी शामिल किया जाएगा.
इस बीमारी के लक्षणों में स्मार्टफोन को तो शामिल किया ही गया है साथ ही टेबलेट कंप्यूटर और डेस्कटॉप के इस्तेमाल की लत को भी शामिल किया जाएगा.