नई दिल्लीः पू्र्व कांग्रेस नेता और तीन तालाक के मुद्दे पर राजीव गाधी सरकार से इस्तीफा देने वाले आरिफ मोहम्मद खान राज्यसभा के लिए चुने जाएंगे। खान अल्पसंख्यकों, आतंकवाद, कश्मीर से जुड़े मुद्दों पर बेबाक अंदाज में अपनी बात रखने के लिए जाने जाते हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि खान बतौर मनोनीत सदस्य राज्यसभा के सांसद बनेंगे या एक बार फिर से भाजपा का दामन थामेंगे। उन्हें राज्यसभा भेजने पर सरकार, भाजपा और संघ में सहमति है।
कांग्रेस से दो बार, जनता दल और बसपा से एक-एक बार लोकसभा का सदस्य रह चुके खान ने वर्ष 2004 भाजपा में शामिल हुए थे। हालांकि वर्ष 2007 में भाजपा छोडने के साथ ही उन्होंने संसदीय राजनीति से दूरी बना ली थी। आरिफ खान तीन तलाक को दंडीनीय अपराध बनाने और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के फैसले केबाद इसके पक्ष में देश भर में बौद्घिक वर्ग के बीच मुखर अभियान चला रहे हैं।
हालांकि तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने संबंधी बिल पेश किये जाने के बाद से ही खान लगातार मुखर है, मगर इसे दंडनीय अपराध बनाए जाने और इसी बीच अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद खान देश के कई हिस्से में लगातार संगोष्ठियों में शिरकत कर रहे हैं। बीते रविवार को तीन तलाक पर आयोजित एक संगोष्ठी में खुद भाजपा अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह ने खान की भूमिका की जम कर तारीफ की थी। आरिफ मोहम्मद खान मुस्लिम तुष्टीकरण की रीजनीति के तीखे आलोचक रहे हैं।
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