यरुशलम: इज़राइल रक्षा बलों (IDF) ने गाजा पट्टी में एक मस्जिद को निशाना बनाकर बमबारी अभियान चलाया है। यह हमला मस्जिद के आसपास छिपे हुए हथियारबंद आतंकवादियों की मौजूदगी के कारण किया गया था। IDF का कहना है कि, उसका लक्ष्य क्षेत्र में सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए कार्रवाई करते हुए गाजा में इन आतंकवादियों द्वारा उत्पन्न खतरे को बेअसर करना है। इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमे मस्जिद धराशाई होती नज़र आ रही है।
Uff.. One more.
— Rohit Jain (@Rohitjain9999) November 20, 2023
The IDF bombs a mosque in Gaza, where armed terrorists were hiding. #Gaza #Gaza_War #Hamas_is_ISIS #Isreal pic.twitter.com/Doexesp8L3
IDF का दावा है कि, इस मस्जिद में फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के हथियारबंद आतंकी छिपे हुए थे। बता दें कि, इससे पहले फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने आरोप लगाया था कि, 7 अक्टूबर को इजराइल पर जो हमला हुआ था, वो हमास ने नहीं किया था। फिलिस्तीनी राष्ट्रपति का कहना था कि, इजराइल ने खुद फिलिस्तीनियों को मारने के लिए अपने लोगों की जान ली थी और आरोप हमास पर लगा दिया। महमूद अब्बास के इस बयान पर इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।
राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, आज पीएम नेतन्याहू ने कहा कि महमूद अब्बास ने जो पहले नरसंहार के अस्तित्व से इनकार किया था, उन्होंने हमास के अस्तित्व से इनकार किया था, जिसने 7 अक्टूबर को इज़राइल पर एक आश्चर्यजनक हमला किया था। आज, रामल्लाह में फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण ने बिल्कुल बेतुकी बात कही। नेतन्याहू ने दोहराया कि यह फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास था, जिसने गाजा के पास प्रकृति उत्सव में भयानक नरसंहार को अंजाम दिया था। लेकिन, उसने (फिलिस्तीनी राष्ट्रपति ने) वास्तव में इज़राइल पर उस नरसंहार को अंजाम देने का आरोप लगाया था। यह सच्चाई का पूर्ण उलट है। अबू माज़ेन ( महमूद अब्बास), जिन्होंने अतीत में नरसंहार के अस्तित्व से इनकार किया था, आज हमास नरसंहार के अस्तित्व से इनकार कर रहे हैं और यह अस्वीकार्य है।"
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