नई दिल्ली: 73 वें सेना दिवस के मौके पर, इंडियन आर्मी चीफ एमएम नरवने ने शुक्रवार को ड्यूटी करते हुए बहादुरों द्वारा "सर्वोच्च बलिदान" दिए जाने की सराहना की। साल 2020 को चुनौतियों और अवसरों से भरा बताते हुए सेनाध्यक्ष ने कहा कि इंडियन आर्मी इस दौरान देश की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने पर दृढ़ रही।
भारत-चीन के बीच वास्तविक सीमा रेखा (LAC) पर जारी तनाव को लेकर सेनाध्यक्ष ने कहा कि, 'हमारे बहादुर ऑफिसरों और जवानों ने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया।' LAC पर तनाव के बीच सेना की त्वरित कार्रवाई की प्रशंसा करते हुए सेनाध्यक्ष ने कहा कि, 'बातचीत और कूटनीति के माध्यम से विवाद सुलझाने को लेकर प्रतिबद्ध होने के साथ ही भारतीय सेना ने याथास्थिति को बदलने की हर कोशिश का त्वरित और निर्णायक जवाब दिया।' सेनाध्यक्ष नरवणे ने कोरोना महामारी के बीच लगातार आतंकवाद के खिलाफ छेड़े जा रहे अभियानों का भी उल्लेख किया।
आपको बता दें कि आर्मी डे या सेना दिवस प्रति वर्ष 15 जनवरी को मनाया जाता है। 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल के एम करियप्पा स्वतंत्र भारत के पहले आर्मी चीफ बने थे। उस वक़्त सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे। केएम करियप्पा के सेना प्रमुख बनाए जाने के बाद से ही प्रति वर्ष 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाने लगा।
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