नई दिल्लीः इंडियन आर्मी चीफ जनरल एम एम नरवणे ने कहा है कि पैगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से भारत और चीन की सेनाओं के पीछे हटने से अंतिम परिणाम काफी अच्छा रहा और दोनों पक्षों के लिए यह लाभकारी स्थिति है. इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया है कि अभी लंबा रास्ता तय करना है और अगला कदम गतिरोध कम करना है.
आर्मी चीफ ने कहा है कि लद्दाख गतिरोध के दौरान चीन और पाकिस्तान के बीच मिलीभगत के कोई संकेत नहीं मिले, मगर भारत ने केवल दो को ध्यान में रख कर नहीं बल्कि ढाई मोर्चे के लिए दूरगामी योजना बना रखी है. वह आधे मोर्चे का हवाला आंतरिक सुरक्षा के लिए दे रहे थे. उन्होंने कहा है कि टकराव की शुरुआत से ही भारत की तरफ से सभी पक्षों ने मिलकर काम किया है. सेना प्रमुख नरवणे ने विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा आयोजित किए गए एक वेबिनार में कहा है कि पूर्वी लद्दाख में लंबित अन्य मुद्दों के हल के लिए भी रणनीति बनाई गई है.
सेनाध्यक्ष ने कहा है कि सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है, किन्तु भरोसे की कमी है. सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया 10 फरवरी को आरंभ हुई थी. उन्होंने कहा है कि जो भी हम कर रहे हैं हम सतर्क होकर कर रहे हैं. हमें सावधान रहना होगा. विश्वास की कमी है. जब तक विश्वास नहीं बनेगा, निश्चित तौर पर हमें अलर्ट रहना होगा और LAC के दोनों तरफ हर गतिविधि पर नजर रखनी होगी. नरवणे ने कहा है कि हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है. हमें तनाव कम करने की दिशा में आगे बढ़ना होगा. इसके बाद आगे के कदम उठाए जाएंगे.
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