नई दिल्ली: दीपावली से पहले भारत और चीन के रिश्तों में सुधार हुआ है। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के डेपसांग और डेमचोक इलाकों में दोनों देशों की सेनाओं ने पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। अब जल्द ही इन स्थानों पर पहले की तरह गश्त शुरू की जाएगी। इस बीच दीपावली के दिन 31 अक्टूबर को दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे का मुंह मीठा करेंगे।
हाल ही में हुए एक समझौते के तहत, अक्टूबर के अंत तक सेनाओं को पीछे हटाना तय हुआ था। सोमवार को विदेश सचिव ने इस समझौते की घोषणा की, जिसके बाद मंगलवार से सेनाओं ने पीछे हटना शुरू कर दिया और तय समय पर यह प्रक्रिया पूरी हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कजान में हुई वार्ता से भी इस समझौते का कार्यान्वयन तेज़ी से हुआ।सेना के सूत्रों के अनुसार, सेनाएं अप्रैल 2020 की अपनी पूर्व स्थिति में वापस लौट चुकी हैं। दोनों पक्ष हवाई सर्वेक्षण के जरिए इसकी पुष्टि भी कर रहे हैं। उम्मीद है कि यह सर्वेक्षण प्रक्रिया गुरुवार तक पूरी हो जाएगी।
दोनों देशों की सेनाओं के स्थानीय कमांडर, जो आमतौर पर कर्नल स्तर के होते हैं, आपसी बातचीत के माध्यम से गश्त के नियम और तौर-तरीके तय करेंगे, जिसके बाद गश्त फिर से शुरू होगी। सेना ने अभी इसके लिए कोई तारीख तय नहीं की है, लेकिन अगले एक-दो दिनों में इसकी शुरुआत हो सकती है। भारत और चीन के बीच कुल सात स्थानों पर विवाद था, जिनमें से गलवान, पैंगोंग लेक उत्तर, पैंगोंग लेक दक्षिण, हॉट स्प्रिंग और गोगरा में सेनाएं पहले ही पीछे हट चुकी हैं। बाकी के पांच स्थानों पर पेट्रोलिंग की शुरुआत होनी है, हालांकि यह प्रक्रिया इस समझौते का हिस्सा नहीं है। इसके लिए भारत और चीन के बीच आगे भी वार्ता जारी रहेगी।
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