नई दिल्ली: रक्षा उपकरणों के संबंध में अपनी प्रमुख आधुनिकीकरण योजना के तहत, भारतीय सेना ने शुक्रवार (16 अगस्त) को 400 नए हॉवित्जर (तोपखाने) खरीदने के लिए लगभग 6,500 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया। जारी निविदा के अनुसार, सेना स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित (IDDM) श्रेणी की तोपें भारतीय फर्मों से खरीदेगी।
शीर्ष रक्षा सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि इस खरीद से रक्षा क्षेत्र में घरेलू कंपनियों को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। पिछले दशक में सेना द्वारा अनेक नई हॉवित्जर तोपें खरीदी गई हैं, जिनमें धनुष, शारंग, अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर (ULH) और के-9 वज्र स्व-चालित तोपें जैसी तोप प्रणालियां शामिल हैं। धनुष तोपें बोफोर्स तोपों का इलेक्ट्रॉनिक अपग्रेड हैं, जबकि शारंग तोपों को 130 मिमी से 155 मिमी कैलिबर में अपग्रेड किया गया है। सातवीं और पांचवीं रेजिमेंट को पहले से ही स्व-चालित तोपों से सुसज्जित किया जा चुका है।
155 मिमी भविष्य में सभी तोपों का मानक कैलिबर होगा, जिसमें स्वचालित सिस्टम और असेंबली होंगी। सूत्रों ने बताया कि दृष्टि प्रणालियों, गोला-बारूद निर्माण, धातु विज्ञान और तोपों की नेटवर्किंग में नई तकनीकों के विकास पर जोर दिया जा रहा है।
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