श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्सों में बीते दिनों भारी तादाद में अर्धसैनिक बल तैनात किए गए है. इतनी बड़ी तादाद में जवानों की तैनाती ने प्रदेश के कुछ स्थानीय नेताओं को चिंता में डाल दिया है. दरअसल, वर्ष 2019 में राज्य का विशेष दर्जा ख़त्म कर दिए जाने के बाद यह पहली दफा है जब यहां इतनी बड़ी तादाद में सैनिकों की तैनाती हुई है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सूबे के विशेष दर्जे की समाप्ति के बाद हिरासत में लिए गए कुछ सियासी नेताओं ने कहा कि उन्हें डर है कि उन्हें वापस हिरासत में लिया जा सकता है. हालांकि अधिकारियों ने कहा कि इस बात में कोई वास्तविकता नहीं है, यह विपक्ष के नेताओं द्वारा फैलाई गई अफवाह है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में आने वाले जवान वे हैं, जो पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में चुनाव की ड्यूटी के लिए गए हुए थे. IGP विजय कुमार का कहना है कि ये सैनिक किसी मकसद से नहीं बल्कि उन राज्यों से लौट रहे हैं जहां हाल ही में चुनाव हुए थे. उन्होंने कहा कि चुनाव समाप्त होने के बाद उन्हें फिर से शामिल किया जा रहा है. यह कोई नई तैनाती नहीं है.
अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल और अन्य प्रदेशों के चुनाव के दौरान जम्मू-कश्मीर से अर्धसैनिक बलों की लगभग 200 कंपनियां भेजी गई थीं. जिनमें से अधिकतर पश्चिम बंगाल में थीं. वहीं चुनाव के खत्म होने बाद एक महीने पहले पचास टुकड़ियों को वापस भेजा गया था और शेष अब वापस आ रही हैं और उन्हें फिर से तैनात किया जा रहा है.
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