दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह जो की पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI के दवारा बिछाए हनीट्रैप के जाल में फ़स गए थे से पूछताछ की है. अरुण मारवाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित सूचनाएं आईएसआई की एजेंट के साथ साँझा कर दी थी, कैप्टन की पोस्टिंग रक्षा मंत्रालय की अत्यधिक संवेदनशील यूनिट में थी, मारवाह ने पुलिस को बताया था कि उन्होंने मार्च 2016 तक हवाई वितरण अनुसंधान और विकास प्रभाग (एडीआरडी) में काम किया है, एडीआरडी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के अंतर्गत आता है जोकि भारतीय वायु सेना के अत्यधिक संवेदनशील हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली में शुमार है.
पूछताछ में ये भी सामने आया है कि ग्रुप कैप्टन ईगो ट्रिक में फंस कर गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के लिए राजी हो गए, फेसबुक के जरिए अरुण मारवाह किरन रंधावा और महिमा पटेल के संपर्क में आए थे, फेसबुक मैसेंजर पर महिमा पटेल ने मारवाह से कहा कि मैं कैसे मान लूं कि आप ढोंगी नहीं बल्कि असल में वायुसेना के ग्रुप कैप्टन हैं? अपनी रैंक और पोस्ट पर पटेल द्वारा उठाए सवाल के कारण उसे आशवस्त करने के अरुण ने कुछ गोपनीय दस्तावेज वाट्सअप पर भेज दिए.
पुलिस किरण और महिमा के साथ हुई अरुण की बातचीत का विश्लेषण कर रही है, हालांकि कुछ बातचीत को कैप्टन ने डिलीट कर दिया है वही पुलिस महिमा और किरण नाम की यूजर के आईपी एड्रेस को ट्रेस करने में लगी है.
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