रायपुर: दिल्ली और पंजाब की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) ने सोमवार (8 मई) को केंद्रीय जाँच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) से छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला मामले में राज्य के सीएम भूपेश बघेल को अरेस्ट करने की मांग की है। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की पार्टी का कहना है कि पूरे मामले में सीएम बघेल की भूमिका की जांच कराई जानी चाहिए। बता दें कि ED ने शनिवार को शराब घोटाले के संबंध में कांग्रेस नेता और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई एवं शराब कारोबारी अनवर ढेबर को अरेस्ट किया था।
गौरतलब है कि शराब कारोबारी अनवर ढेबर की हिरासत के लिए शनिवार को रायपुर की विशेष PMLA कोर्ट में दाखिल किए गए आवेदन में ED ने दावा करते हुए कहा था कि एक सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ में हज़ारों करोड़ का शराब घोटाला किया है। इस सिंडिकेट में सूबे के उच्च स्तरीय सरकारी अधिकारी, कुछ व्यक्ति और राजनेता भी शामिल हैं। ED ने दावा किया कि अवैध शराब की बिक्री के जरिए आरोपितों ने 2000 करोड़ रुपये से अधिक की काली कमाई की है।
छत्तीसगढ़ के इसी शराब घोटाले को लेकर AAP नेता एवं दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने प्रेस वार्ता में कहा कि, नीचे से ऊपर तक किसी मिलीभगत के बगैर, इतना बड़ा घोटाला संभव ही नहीं है। ऐसा सिंडिकेट चलाना किसी सियासी नेता के संरक्षण के बिना संभव नहीं है। इस घोटाले में छत्तीसगढ़ के सीएम बघेल की भूमिका की पड़ताल की जाए। हमारी मांग है कि सीएम भूपेश बघेल को अरेस्ट किया जाए और उनसे पूछताछ की जाए।
क्या है मामला:-
बता दें कि, जांच एजेंसी ने इससे पहले मार्च के माह में कई स्थानों पर छापेमारी की थी और शराब घोटाले में शामिल कई लोगों के बयान दर्ज किए थे। ED का दावा है कि उसने जांच के दौरान '2019 - 2022 के बीच 2000 करोड़ रुपये के बड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग' के सबूत जुटाए हैं। जांच एजेंसी ने बयान जारी करते हुए कहा है कि, 'PMLA जांच से पता चला है कि अनवर ढेबर की अगुवाई में एक संगठित आपराधिक सिंडिकेट छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित हो रहा था। अनवर ढेबर को एक शख्स के अलावा राज्य के शीर्ष राजनेताओं और वरिष्ठ नौकरशाहों का पूरा संरक्षण हासिल था।
ED अधिकारियों के मुताबिक, अनवर ने एक बड़ा षड्यंत्र रचा और घोटाले को अंजाम देने के लिए लोगों और संस्थाओं का एक व्यापक नेटवर्क खड़ा किया। इसका मकसद छत्तीसगढ़ में बेची जाने वाली शराब की हर बोतल से अवैध रूप से पैसा जुटाना था। सूत्रों में बताया है कि कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ के कई नौकरशाह और राजनेता भी ED के निशाने पर हैं। शराब से मिलने वाला राजस्व (उत्पाद शुल्क) राज्य की आमदनी का एक बड़ा सोर्स है। आबकारी विभाग के पास शराब की सप्लाई को संचालित करने, नकली शराब से होने वाली घटनाओं को रोकने और सूबे के लिए राजस्व अर्जित करने तथा उपयोगकर्ताओं को गुणवत्ता वाली शराब सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होती है। ईडी ने दावा किया था कि उनकी जांच से पता चला है कि अनवर ढेबर की अगुवाई वाला आपराधिक सिंडिकेट इन सभी उद्देश्यों के विपरीत काम कर रहा था।