बिल्कुल भी नहीं सताएगा अर्थराइटिस का दर्द, बस अपना ले ये उपाय

बिल्कुल भी नहीं सताएगा अर्थराइटिस का दर्द, बस अपना ले ये उपाय
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अर्थराइटिस (गठिया) एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है जो जोड़ों में सूजन और दर्द का कारण बनती है। यह एक सामान्य स्थिति है, खासकर बुजुर्गों में, लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकती है। आमतौर पर, इसके लक्षण घुटनों, एड़ियों, पीठ, कलाई, या गर्दन के जोड़ों में देखे जाते हैं। हालाँकि दवाओं से इसका इलाज संभव है, लेकिन डाइट में बदलाव करके भी इसे नियंत्रित और रोकने में मदद मिल सकती है। कुछ विशेष प्रकार के खाद्य पदार्थ, जिन्हें सुपरफूड्स कहा जाता है, अर्थराइटिस के लक्षणों को कम करने और इसे रोकने में मदद कर सकते हैं। इन सुपरफूड्स में एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन-रोधी) और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने, जोड़ों की रक्षा करने और हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होते हैं।

1. हल्दी
हल्दी भारतीय व्यंजनों में लंबे समय से इस्तेमाल किया जा रहा एक मसाला है, और इसके औषधीय गुणों के लिए इसे बहुत सम्मानित किया जाता है। हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन नामक यौगिक एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट एजेंट है।
कर्क्यूमिन सूजन को कम करने में मदद करता है, जो गठिया के मरीजों के लिए अत्यंत लाभकारी है। कई शोध यह साबित करते हैं कि कर्क्यूमिन गठिया के दर्द, अकड़न और सूजन को कम करता है। हल्दी को आप अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं या इसे पूरक आहार के रूप में ले सकते हैं।

2. ऑलिव ऑयल
ऑलिव ऑयल, विशेष रूप से एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल, स्वस्थ वसा का एक उत्कृष्ट स्रोत है। यह ओलियोकैंथल नामक यौगिक से समृद्ध होता है, जो एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी के रूप में कार्य करता है।
ओलियोकैंथल शरीर में उन एंजाइमों के उत्पादन को रोकता है जो सूजन का कारण बनते हैं, जिससे जोड़ों में सूजन और दर्द को कम करने में मदद मिलती है। इसे अपने भोजन में शामिल करने से न केवल गठिया के लक्षणों में राहत मिलती है, बल्कि यह दिल के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। नियमित रूप से एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल का उपयोग सलाद, पकी हुई सब्जियों या अन्य खाद्य पदार्थों में किया जा सकता है।

3. नट्स
नट्स जैसे अखरोट, बादाम, और फ्लैक्ससीड गठिया के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। खासकर अखरोट, जिसमें अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA) होता है, जो ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक प्रकार है। ओमेगा-3 फैटी एसिड शरीर में सूजन को कम करने के लिए जाना जाता है।
नट्स में मैग्नीशियम, सेलेनियम और विटामिन ई भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए प्रसिद्ध हैं। नियमित रूप से सीमित मात्रा में नट्स का सेवन करने से हड्डियों की ताकत और जोड़ों के स्वास्थ्य में सुधार होता है। ये न केवल गठिया से बचाव में मदद करते हैं, बल्कि दिल और मस्तिष्क के लिए भी लाभकारी होते हैं।

4. पत्तेदार सब्जियां
पालक, केल, स्विस चार्ड और अन्य पत्तेदार सब्जियां विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं। ये सब्जियां सूजन से लड़ने और हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती हैं।
पालक और केल जैसी सब्जियों में विटामिन C, E, और K की उच्च मात्रा होती है। ये विटामिन शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं, जिससे कोशिकाओं और जोड़ों को नुकसान से बचाया जा सकता है। विटामिन K विशेष रूप से हड्डियों की मजबूती बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे हड्डियों की टूट-फूट और जोड़ों की समस्याओं से बचाव होता है।
इन पत्तेदार सब्जियों को नियमित रूप से अपनी डाइट में शामिल करने से हड्डियों की सेहत बनी रहती है और गठिया के लक्षणों से राहत मिलती है।

5. फैटी फिश
फैटी फिश जैसे सैल्मन, मैकेरल, सार्डिन और ट्राउट में ओमेगा-3 फैटी एसिड की उच्च मात्रा होती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड में शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।
विशेष रूप से रुमेटॉइड अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों में फैटी फिश का नियमित सेवन जोड़ों की अकड़न और दर्द को कम करता है। इसके अलावा, ओमेगा-3 फैटी एसिड दिल के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है, जिससे कुल मिलाकर शरीर की सेहत में सुधार होता है। हफ्ते में कम से कम दो बार फैटी फिश का सेवन गठिया के खतरे को कम करने में मददगार हो सकता है।

6. बेरीज
ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी और अन्य बेरीज में एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो गठिया के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं। इनमें एंथोसायनिन और क्वेरसेटिन जैसे यौगिक होते हैं, जो सूजन को कम करने में मददगार होते हैं।
बेरीज में विटामिन C की भी भरपूर मात्रा होती है, जो कार्टिलेज में कोलेजन के निर्माण और उसे बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा, बेरीज में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स को बेअसर करने में सहायक होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन का कारण बन सकते हैं। नियमित रूप से बेरीज का सेवन जोड़ों की रक्षा करता है और अर्थराइटिस के लक्षणों को कम करता है।

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