नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 35 ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई जनवरी 2019 तक के लिए स्थगित कर दी है. यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर सरकार को राज्य के स्थायी निवासियों और उनके अधिकारों को परिभाषित करने की शक्ति प्रदान करता है. केंद्र और राज्य ने अदालत से राज्य में दिसंबर के लिए निर्धारित स्थानीय निकाय चुनाव के बाद ही मामले को सुनने के लिए आग्रह किया है. इस पर अदालत ने कहा है कि अब इस मामले पर सुनवाई जनवरी के दूसरे हफ्ते में की जाएगी.
वहीं गुरुवार को जम्मू और कश्मीर में लोगों के विशेष संवैधानिक अधिकारों के साथ किसी भी "छेड़छाड़" के खिलाफ विरोध प्रदर्शित करते हुए कुछ इलाकों में बंद किया था. सैयद अली शाह गिलानी, मिरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक सहित संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व ने बंद का आह्वान किया था, जो आज भी जारी रह सकता है.
क्या है अनुच्छेद 35 ए ?
35 A राज्य के लोगों को विशेष अधिकार व सुविधा प्रदान करता है, इसी धारा के प्रावधानों के चलते राज्य की कोई महिला अगर गैर रियासती नागरिक से शादी करती है, तो राज्य में उसकी नागरिकता और अचल संपत्ति के अधिकार समाप्त हो जाते हैं.
मेहबूबा ने दी थी धमकी
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ़्ती ने केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर राज्य के विशेष दर्जे से किसी तरह की छेड़छाड़ हुई, तो पूरे मुल्क को गंभीर दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. उनके अलावा जावेद राणा ने भी चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर अनुच्छेद 35 A से छेड़छाड़ हुई तो जम्मू कश्मीर में कभी तिरंगा नहीं लहरा सकेगा.
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