नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर विधानसभा को स्थाई नगरिकता की परिभाषा तय करने और विशेष शक्तियां देने वाले संविधान के आर्टिकल 35-A पर आज सुनवाई होगी. वहीं जम्मू-कश्मीर में हुर्रियत कांफ्रेंस ने इसके विरोध में दो दिनों के लिए बंद का आह्वाहन किया है, जिसके कारण कश्मीर घाटी में हालात गरमा गए है. आर्टिकल 35-A को संवेदनशील मसला माना जाता है. इस पर करीब छह दशक से बहस जारी है.
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दिल्ली के एनजीओ 'वी द सिटिजन' ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके राज्य के विशेष नागरिकता कानून - 35-A को चुनौती दी है और इसको हटाने की मांग भी की है. इसके विरोध में रविवार को कश्मीर के कई जिलों में प्रदर्शन किया गया. इस बंद को कारोबारियों और बार असोसिएशन का भी पूरा समर्थन मिल रहा है. इसके अलावा घाटी में रविवार और सोमवार को ट्रेन सेवाएं भी बंद रखी गई है.
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जानें क्या है कानून - 35-A
आपको बता दें कि अनुच्छेद 35ए जम्मू-कश्मीर के स्थायी नागरिकों को विशेष अधिकार देता है. यह अनुच्छेद बाहरी राज्य के व्यक्तियों को वहां किसी भी तरह की संपत्तियों के खरीदने एवं उनका मालिकाना हक प्राप्त करने से रोकता है. इसके साथ ही यह कानून यहाँ पर अस्थाई नागरिकों को काम देने से भी रोकता है. आर्टिकल 35-A को वर्ष 1954 राष्ट्रपति आदेश के जरिए संविधान में जोड़ा गया था.
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