नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए जिसके चलते आर्टिकल 35A को रद्द करने संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनाई करने वाला है जिसके बारे में हम बताने जा रहे हैं. इतना ही नहीं बहुत से लोग इसके बारे में जानते भी नहीं हैं. लेकिन इस आर्टिकल 35A का विरोध किया जा रहा है. आप भी नहीं जानते इस आर्टिकल के बारे में तो विस्तार से बता देते हैं क्या है आखिर ये आर्टिकल 35A और क्यों रहा है इसका विरोध.
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दरअसल, आर्टिकल 35-A को 1954 में राष्ट्रपति के आदेश से संविधान में जोड़ा गया था और इसे लागु करने के लिए तत्कालीन सरकार ने धारा 370 के अंतर्गत मिली शक्तियों का इस्तेमाल किया. इसके बारे में आगे बता दें कि यह वो कानून है जो बाहर के किसी भी व्यक्ति को इस राज्य में सम्पत्ति खरीदने से रोकता है. इसके अलावा कोई भी बाहर का व्यक्ति इस राज्य की सम्पत्ति का फायदा नहीं उठा सकता और ना ही सरकारी नौकरी पा सकता है. ये सभी सुविधाएं इस आर्टिकल में दी जा रही हैं जिस पर विरोध जताया जा रहा है.
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इसका विरोध किया जा रहा और इस आर्टिकल में प्रमुख दो देलिए दी जा रही हैं जिन पर ज्यादा गौर किया जा रहा है. पहली ये है कि इस राज्य में भारत के लिए दूसरे राज्य के लोग शामिल नहीं हो सकते, उनका यहां आकर स्थानीय बनना वर्जित माना जा रहा है. दूसरा ये कि इस राज्य में बाहर के नागरिक ना तो नौकरी प् सकते हैं ना यहां आ कर कोई संपत्ति खरीद सकता है. वहीं गर कोई लड़की इससे बाहर के लड़के से शादी भी करती है तो उसे भी इस आर्टिकल को मानना होगा. इसे संविधान में अलग से जोड़ा गया है और इसी पर ज्यादा विरोध किया जा रहा है.
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