कब और क्यों किया गया था शिमला समझौता ? जानिए इसके बारे में सबकुछ

कब और क्यों किया गया था शिमला समझौता ? जानिए इसके बारे में सबकुछ
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नई दिल्ली: शिमला समझौता, जो कि 2 जुलाई 1972 को सम्पन्न हुआ था, भारत और पाकिस्तान के बीच एक ऐतिहासिक समझौता था। इस समझौते को शिमला में हस्ताक्षर किए गए थे, जो हिमाचल प्रदेश, भारत में स्थित है। यह समझौता पाकिस्तानी राष्ट्रपति जनरल याह्या खान और भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा हस्ताक्षरित किया गया था। शिमला समझौते का मुख्य उद्देश्य भारत और पाकिस्तान के बीच जंगली पशुओं के शिकार पर नियंत्रण स्थापित करना था। समझौते के अनुसार, दोनों देशों के बीच वन्यजीव संरक्षण क्षेत्रों की सीमा तय की गई और वन्यजीव संरक्षण के लिए साझा उपयोग के मानदंड स्थापित किए गए। इसके अलावा, यह समझौता व्यापार, पर्यटन, सांस्कृतिक आदिकार्यों को बढ़ावा देने के लिए भी सहायक है।

शिमला समझौते के तहत, पाकिस्तान ने रियासत-ए-जम्मू और कश्मीर के साथी के रूप में पाकिस्तान विषयक समिति को स्थापित की। इसके अलावा, एक व्यापार और आर्थिक समिति भी बनाई गई, जिसका उद्देश्य था व्यापार, वाणिज्यिक सहयोग, और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना। समिति के माध्यम से व्यापारिक मामलों, परमाणु ऊर्जा, रेलवे, रासायनिक उद्योग, परिवहन, पर्यटन, और बांध निर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिला। शिमला समझौते ने भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को सुधारने का मार्ग प्रशस्त किया। यह समझौता दोनों देशों के बीच विश्वास, सहयोग, और सभ्यता के मानदंडों को प्रमाणित करता है। इसके अलावा, शिमला समझौते ने वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन सेक्टर में सहयोग के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों की संरक्षा को प्रोत्साहित किया।

शिमला समझौता एक महत्वपूर्ण पथप्रदर्शक समझौता रहा है जो भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को मजबूत करने का प्रमुख कारण बना। यह समझौता आपसी समझ, सौहार्द, और भारतीय महासागर संगठन (बीमास) जैसे आंतरविदेशी संगठनों के साथ भी भारत और पाकिस्तान के संबंधों को सुदृढ़ करता रहा है


शिमला समझौता क्यूं किया गया था :-

शिमला समझौता 1972 में किया गया था। इसके पीछे कई कारण थे जो इसे सम्पन्न करने के लिए प्रेरित किए गए। यहां कुछ मुख्य कारण दिए जाते हैं:-

जंगली पशुओं के शिकार पर नियंत्रण: शिमला समझौता का मुख्य उद्देश्य था भारत और पाकिस्तान के बीच जंगली पशुओं के शिकार पर नियंत्रण स्थापित करना। दोनों देशों के बीच वन्यजीव संरक्षण क्षेत्रों की सीमा तय की गई और साझा उपयोग के मानदंड स्थापित किए गए। इसके माध्यम से, जंगली पशुओं की संरक्षा और उनके शिकार पर नियंत्रण करने के लिए सहयोग बढ़ाया गया।

सीमा मामले: शिमला समझौता में भारत और पाकिस्तान ने अपनी सीमा मुद्दों पर चर्चा की। इसमें दोनों देशों ने सीमा पर शांति और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए सहमति जताई और सीमा मुद्दों के न्यायिक समाधान के लिए साधारित तंत्र तय किया गया।

व्यापार और आर्थिक सहयोग: शिमला समझौते के तहत, व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा दिया गया। एक व्यापारिक मामलों की समिति और एक आर्थिक समिति स्थापित की गई, जिनके माध्यम से व्यापार, वाणिज्यिक सहयोग, और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला। इससे दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक संबंध मजबूत हुए और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला।

संबंधों को सुधारना: शिमला समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को सुधारने का मार्ग प्रशस्त किया। इसे द्विपक्षीय समझौता के रूप में मान्यता दी गई, जो दोनों देशों के बीच विश्वास, सहयोग, और सभ्यता के मानदंडों को प्रमाणित करता है। यह समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती को दर्शाता है और दोनों देशों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करता है। इन सभी कारणों के साथ, शिमला समझौता एक महत्वपूर्ण समझौता है जो दोनों देशों के बीच संबंधों को सुदृढ़ करने का उद्देश्य रखता है।

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