आज श्री राम के अनन्य भक्त और पवनसुत श्री हनुमान जी का जन्मदिवस है, जिसे कुछ लोग हनुमान जयंती भी कहते हैं। किन्तु वास्तव में इसे हनुमान जन्मदिवस या जन्मोत्सव कहा जाना चाहिए, क्योंकि जयंती उनकी मनाई जाती है, जो इस भूलोक को छोड़कर जा चुके हैं, लेकिन हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव के अवतार श्री हनुमान जी को अमर माना जाता है। इसीलिए उनके जन्मदिन को एक जीवित व्यक्ति के जन्मदिवस की तरह मनाया जाता है।
श्री रामचरित मानस के मुताबिक, बजरंबली, श्रीराम के भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। हनुमान जी चिरंजीवी माने गए हैं। इस संबंध में रामायण में एक कथा आती है। जब श्रीराम वानर सेना समेत सीता को खोजने निकले थे, तब हनुमान जी माता सीता की खोज में समुद्र पार करके लंका पहुंच गए थे। जब बजरंग बली ने माता सीता को रावण की अशोक वाटिका में देखा, तब बजरंगबली ने जनकसुता को श्रीराम की मुद्रिका दी। श्रीराम के वियोग में व्याकुल सीता ने श्रीराम की मुद्रिका देखी तब उन्हें यह विश्वास हो गया कि प्रभु उन्हें जल्द ही असुर रावण की कैद से मुक्त कराएंगे और रावण को उसके किए पाप की सजा मिलेगी।
इस सुखद अहसास से प्रसन्न होकर माता सीता ने पवनसुत को अमरता का वरदान दिया। तभी से हनुमान जी चिरंजीवी हैं। हनुमान जी चिरंजीवी हैं इसी कारण वे भक्तों की मनोकामनाओं को भी तत्काल पूरा करते हैं। कलयुग में इनकी भक्ति से कई जन्मों के पाप स्वत: ही नष्ट हो जाते हैं।
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