भारत का एक ऐसा परिवार, जिसे देश के आजाद होने के बाद से ही जनता का इतना प्यार मिला कि उसने कभी यह महसूस नही किया होगा कि हिन्दुस्तान उनकी मर्जी के विपरीत भी चल सकता है। इस परिवार में से किसी ने भी केवल विधायक या सांसद या राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री या केंद्रीय मंत्री बनना पसंद नही किया। मेनका और वरुण गांधी इस मामले में अपवाद हैं, क्यों अपवाद हैं, इसकी चर्चा फिर कभी। लेकिन, उस परिवार की जो सीधी वंशावली है उसमें सीधे प्रधानमंत्री ही जन्म लेते हैं, नेहरू जी के बाद इंदिरा जी, फिर राजीव गांधी। राजीव की मौत होने के बाद भी नरसिम्हा राव उस परिवार की बहु सोनिया गांधी की अनुमति के बाद ही प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठ पाए और मनमोहन सिंह ने नाम पर भी वहीं से मुहर लगी। अब देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी प्रधानमंत्री बनने के प्रबल दावेदार हैं, अगले साल 2024 में लोकसभा चुनाव है और आज राहुल गांधी अपनी जिंदगी के 53 साल पूरे कर रहे हैं।
ऐसे में ये सवाल बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है कि, राहुल को तो 2004 का चुनाव जीतने के बाद ही प्रधानमंत्री बन जाना चाहिए था। उस वक्त भी वे लगभग 34 वर्ष के पूर्ण तेजस्वी, ओजस्वी और युवा नेता थे। लेकिन ऐसा क्या हुआ, जो सोनिया जी को मनमोहन सिंह को चुनना पड़ा। इसका जवाब संजय बारू ने अपनी किताब द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर में लिखा है। संजय बारू 2004 से लेकर 2008 तक पीएम मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे थे, यानी बेहद करीब, इसलिए उन्होंने जो भी देखा-सुना उसे अपनी किताब में लिख दिया। राहुल गांधी के बारे में बारू लिखते हैं कि, उस समय तक यानी 2009 तक राहुल पीएम बनने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं थे, इसलिए दूसरी बार भी मनमोहन सिंह ही प्रधानमंत्री बने।
राहुल चाहें तो अब पीएम बन सकते हैं: - दिग्विजय सिंह
वर्ष 2011 में राहुल गांधी के 41वें जन्मदिन पर कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा था कि, अब राजनीतिक मामलों में राहुल पूरी तरह मच्योर हो चुके हैं और अब पीएम बन सकते हैं। दिग्गी राजा ने कहा था कि, राहुल सात-आठ साल से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं और उनमे सभी उचित गुण, समझ और अनुभव आ गया है, जो एक प्रधानमंत्री बनने वाले शख्स में होना चाहिए। हालाँकि, उस समय भी अंतिम फैसला दिग्विजय सिंह ने नेहरू-गांधी परिवार के इस वारिस पर छोड़ दिया था।
राहुल गांधी में पीएम बनने की तमाम काबिलियत :- संजय राउत
कभी कांग्रेस की धुर विरोधी पार्टी रही शिवसेना ने 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद में देश की सबसे पुरानी पार्टी के साथ हाथ मिला लिया था और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बन गए थे। इस घटनाक्रम के बाद शिवसेना-कांग्रेस में अच्छे रिश्ते पनपने लगे। राहुल की भारत जोड़ो यात्रा में भी शिवसेना ने समर्थन दिया, संजय राउत यात्रा में शामिल हुए। इस यात्रा से राउत इतने प्रभावित हुए कि, उन्होंने जनवरी 2023 में कहा था कि, राहुल गांधी में पीएम बनने की सभी काबिलियत मौजूद है और वे देश का नेतृत्व करने में सक्षम हैं। साथ ही राउत ने यह भी दावा किया कि, 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी चमत्कार करेंगे।
Senior Congress Leaders says that Every Congressi is ready & eager to drink #PappuMutra pic.twitter.com/uoaYDkRqPw
— Rishi Bagree (@rishibagree) October 11, 2018
राहुल गांधी का मूत्रपान करने के लिए तैयार है दुनिया:- कमलनाथ
हालाँकि, कमलनाथ बहुत पुराने समय से कांग्रेस और गांधी परिवार के विश्वसनीय रहे हैं। लेकिन, इस बयान के लिए उनकी काफी आलोचना हुई थी। दरअसल, यह किस्सा केंद्रीय गृह मंत्रालय के अवर सचिव आर.वी.एस. मणि ने बताया था। उस समय कमलनाथ केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार में शहरी विकास मंत्री (2011-2014) रहे थे। कमलनाथ चाहते थे कि, मणि उस समय के बहुचर्चित इशरत जहाँ एनकाउंटर में नरेंद्र मोदी (तत्कालीन गुजरात CM) को फंसाने वाली थ्योरी गढ़ें। बकौल मणि, उन्होंने इसके लिए साफ इंकार करते हुए कहा कि, वे सबूतों को गलत साबित करने वाली कोई भी बयानबाजी नहीं करेंगे, तब कमलनाथ ने उनसे कहा था कि, 'बाहर लोग राहुल गांधी का पेशाब पीने के लिए तैयार हैं और आप इतना भी काम नहीं कर सकते।' इस वाकये को बताने से तात्पर्य यह है कि, कांग्रेस में अपने नेता राहुल गाँधी की कितनी स्वीकार्यता है, जब इतना कर सकते हैं, तो पीएम बनने में कोई समस्या ही नहीं है।
Blast from the Past:
— प•जगन्नाथ शास्त्री (@parshurRam) April 11, 2023
Ram Jethmalani on Rahul Gandhi !!!@SupriyaShrinate @Pawankhera @srinivasiyc ???????? pic.twitter.com/YCVsX5AbhC
मैं राहुल को अपने ऑफिस का क्लर्क न रखूं:- राम जेठमलानी
देश के सबसे बड़े वकील और कांग्रेस के लिए कई मुक़दमे लड़ने वाले (दिवंगत) राम जेठमलानी ने एक मीडिया कार्यक्रम में इस बारे में अपनी राय रखी थी। जेठमलानी ने कहा था कि राहुल गांधी को तो वह अपने दफ्तर में मैनेजेरियल क्लर्क के तौर पर भी नहीं रखेंगे, पीएम के रूप में देखने की बात तो बहुत दूर की है. यही नहीं, गुस्साए राम जेठमलानी यहां तक कह गए थे कि अगर राहुल गांधी पीएम बने तो हजारों लोग इस देश को छोड़कर चले जाएंगे. इससे पहले भी एमजे अकबर के साथ एक इंटरव्यू में इसका कारण बताते हुए जेठमलानी कह चुके हैं कि, पीएम को एक फाइल पर नोट लिखना तो आना चाहिए, जो राहुल गांधी को नहीं आता, लेकिन उनकी माँ (सोनिया गांधी) उन्हें पीएम बनाना चाहती है।
बहरहाल, नेताओं और लोगों की राय तो अलग-अलग होती ही है। लेकिन, देश का प्रधानमंत्री कौन बनेगा और कौन नहीं ? इसका फैसला तो जनता के ही हाथों में होता है और बीते समय में राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा निकालकर एक तरफ लोकप्रियता तो हासिल की है, वहीं विदेश दौरों पर उनके द्वारा दिए गए बयानों पर विवाद भी हुए हैं। ऐसे में इस समय भारत में राहुल गांधी को लेकर मिली जुली धारणा है, लेकिन जनता उन्हें पीएम बनाने को लेकर क्या सोचती है, इसकी तस्वीर 2024 में स्पष्ट हो जाएगी। हमारी तरफ से राहुल गांधी को उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं ।
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