गीता और क़ुरान दोनों पढ़ते थे कलाम, जानें 'मिसाइलमैन' से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें..

गीता और क़ुरान दोनों पढ़ते थे कलाम, जानें 'मिसाइलमैन' से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें..
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नई दिल्ली: आज ही के दिन यानी 27 जुलाई, 2015 को देश के महान वैज्ञानिक, पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे.अब्दुल कलाम ने देहत्याग किया था। आज पूरा देश अपने इस चहेते राष्ट्रपति को याद कर रहा है। मिसाइल मैन के नाम से मशहूर एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर को हुआ था और 27 जुलाई, 2015 को मेघालय के शिलॉन्ग में दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनका निधन हो गया था। उस वक्त वह IIM में लेक्चर दे रहे थे।

एपीजे अब्दुल कलाम एक कामयाब वैज्ञानिक थे। उन्होंने कई सालों तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और ISRO में अपनी सेवाएं दीं। डॉ कलाम ने भारत के लिए कई स्वदेशी गाइडेड मिसाइल को डिजाइन किया। उन्होंने अग्नि और पृथ्वी जैसी अचूक मिसाइलों को भारतीय तकनीक के जरिए तैयार किया। वर्ष 1992 से 1999 तक डॉ कलाम, केंद्रीय रक्षा मंत्री के रक्षा सलाहकार भी रहे। इस दौरान वाजपेयी सरकार ने पोखरण में दूसरी बार परमाणु परिक्षण भी किए और हिंदुस्तान परमाणु हथियार बनाने वाले देशों में शामिल हो गया।

कलाम को 1981 में भारत सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म भूषण और फिर 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। कलाम पैदाइशी मुस्लिम थे, किन्तु दिल से वह किसी धर्म को नहीं मानते थे। हालांकि, वह कुरान और भगवत गीता दोनों पढ़ते थे।

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